उत्तराखंड में लैंड जिहाद के खिलाफ धामी सरकार का बुलडोजर लगातार ध्वस्तीकरण में लगा हुआ है। देव भूमि उत्तराखंड में अब तक 455 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर करा लिया गया है। धार्मिक अतिक्रमण हटाने के तहत अब तक 416 मजारों को तोड़ दिया गया है, जबकि 42 मंदिरों को ध्वस्त किया गया है।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद से प्रदेश भर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेजी से चल रही है। इसमें भी वन विभाग की भूमि पर बनीं मजारों को हटाने के लिए विभाग पूरी सक्रियता के साथ काम कर रहा है। वन विभाग की कार्रवाई के चलते कार्बेट टाइगर रिजर्व अतिक्रमण से मुक्त किया जा चुका है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान तहत अब तक 416 मजारों को ध्वस्त किया गया है। इन ढांचों के नीचे कोई भी मानव अवशेष नहीं पाए गए। विकासनगर में कालसी भूमि वन प्रभाग कालसी की तिमली रेंज के अंतर्गत आरक्षित वन क्षेत्र धौला में स्थित बाबा भूरेशाह की मजार पर विभाग ने नोटिस चस्पा किया है। 15 दिन के भीतर इस दरगाह को लेकर दावे के साक्ष्य प्रस्तुत न किए गए तो इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसी तरह से आशारोड़ी में जंगलात की जमीन पर बनी मजार को लेकर भी विभाग ने नोटिस दिया है।
वहीं जाखन जोहड़ी मार्ग पर बनी मजार को भी वन विभाग की मसूरी फॉरेस्ट डिवीजन की टीम ने तड़के ढाई बजे ध्वस्त कर दिया। इस मजार पर भी नोटिस चस्पा किया गया था, लेकिन निर्धारित समय में दावे का कोई ठोस प्रमाण न देने के बाद ऐक्शन लिया गया।
मजार के सामने बना दिया मंदिर
स्थानीय लोगों ने इस मजार के सामने ही वन विभाग की जमीन पर टेंट लगा कर मंदिर बना दिया था। जहां पर कई देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें लगाई गई थी। वन विभाग की टीम ने वहां से टैंट को हटा कर मूर्तियों को दूसरे मंदिर में सुरक्षित रखवा दिया।
पहले चरण में प्रदेश में 500 से अधिक अवैध धर्मस्थल चिह्नित किए गए, जिनमें से ज्यादातर हटा दिए गए हैं। प्रभागीय वनाधिकारी सेटेलाइट के माध्यम से भी अवैध निर्माण को चिह्नित कर रहे हैं। नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार सभी प्रभागों को कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
वन क्षेत्र में अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में वर्ष 1980 के बाद बनाए गए अवैध धर्मस्थलों को हटाया जा रहा है। इससे पहले के निर्माण पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
उत्तराखंड में बाहरी लोगों की जांच भी तेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को न रोकने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटना है। इसके लिए शासन से जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जनपदों को तेजी से कार्य करना है।
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को आदेश दिए कि बाहरी व्यक्तियों का लगातार सत्यापन अभियान चलाया जाए। किराएदारों का भी नियमित सत्यापन किया जाए। इस कार्य में लापरवाही करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें और एक दूसरे का सहयोग करें।
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