शेयर बाजार में एक कहावत है। जो गिरा हुआ होता है, वहीं ऊपर उठता है और जो ऊपर उठा हुआ होता है, वही नीचे गिरता है। लेकिन अडानी के शेयरों में यह इतना जल्दी-जल्दी हो जाएगा, किसी ने नहीं सोचा था। 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी के शेयर औंधे मुंह गिर रहे थे। कुछ शेयर तो 80 फीसदी से ज्यादा गिर चुके थे।
अडानी की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 150 अरब डॉलर गिर गया था। फिर सिर्फ 4 दिनों में पासा पलट गया। अडानी के शेयरों ने जबरदस्त वापसी की है। सकारात्मक खबरों के चलते अडानी के शेयरों में भारी खरीदारी देखने को मिली। आइए जानते हैं कि क्यों अडानी के शेयरों पर निवेशक टूट पड़े।
4 दिन में 57.5% उछल गया शेयर
पिछले 4 ट्रेडिंग सत्रों में अडानी के सभी 10 शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण 1.73 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 8.55 लाख करोड़ पर पहुंच गया। अडानी ग्रुप की प्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज इस रैली में सबसे आगे रही है। सिर्फ 4 सत्रों में इस कंपनी के शेयर में 57.5 फीसदी का उछाल आया है। यह शेयर शुक्रवार को 17 फीसदी की बढ़त के साथ 1879.35 रुपये पर बंद हुआ था। बाकी के 9 शेयरों की कीमतों में भी पिछले 4 सत्रों में जमकर इजाफा हुआ है।
अभी भी 55% डाउन है मार्केट वैल्यू
इस ताजा उछाल से पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अडानी के शेयरों में 12 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके थे। पिछले 4 सत्रों में आई रिकवरी के बावजूद अडानी ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू अभी भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के पहले से 55 फीसदी डाउन है। अडानी टोटल गैस का शेयर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यह शेयर अपने 52 हफ्ते के उच्च स्तर से 80 फीसदी टूट गया है।
क्यों आई अडानी के शेयरों में जबरदस्त उछाल?
अडानी के शेयरों में आई इस तेजी के पीछे वजह है अडानी का रोड शो। अडानी ने बीते हफ्ते सिंगापुर और हांगकांग में रोड शो किया था। यहां अडानी ग्रुप निवेशकों को अपने बिजनस की ताकत समझाने में सफल रहा। ग्रुप ने निवेशकों को बताया कि उसके पास कर्ज चुकाने की क्षमता है और वह कैश जनरेट कर सकता है। गौतम अडानी अब आने वाले हफ्ते में लंदन, दुबई और यूएस में फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टर मीटिंग्स के दूसरे राउंड की प्लानिंग कर रहे हैं।
GQG पार्टनर्स ने डाले 15,000 करोड़
गुरुवार को 92 अरब डॉलर का फंड चलाने वाले यूएस बेस्ड GQG पार्टनर्स ने अडानी की 4 कंपनियों में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके बाद अडानी बियर्स को एक और बड़ा झटका देने में सफल हुए। NRI इन्वेस्टर राजीव जैन के स्वामित्व वाले GQG को इनवेस्टमेंट से केवल 2 दिनों में 3,102 करोड़ रुपये का प्रोफिट हुआ है। इस डील से प्रमोटर्स को ग्रुप के कुछ कर्ज को कम करने के लिए कैश जनरेट करने में मदद मिलेगी, जो निवेशकों के बीच एक प्रमुख मुद्दा है। जिस कीमत पर जीक्यूजी ने शेयर खरीदा, वह निकट अवधि में ट्रेडर्स के लिए एक बॉटम बन गया है।
FII ने खूब की खरीदारी
एफआईआई ने अडानी एंटरप्राइजेज का 3.4% 1,410.86 रुपये के शेयर मूल्य पर, अडानी पोर्ट्स का 4.1 फीसदी 596.2 रुपये के शेयर मूल्य पर, अडानी ट्रांसमिशन का 2.5 फीसदी 504.6 रुपये प्रति शेयर पर और अडानी ग्रीन एनर्जी का 3.5 फीसदी 668.4 रुपये के शेयर प्राइस पर खरीदा। अडानी के शेयरों में इस उछाल का असर सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयर पर भी पड़ा, क्योंकि निवेशक कर्ज चुकाने की ग्रुप की क्षमता के बारे में आश्वस्त हो गए हैं।
तीन गुना अधिक कर्ज
वैल्यूएशन गुरु अस्वथ दामोदरन ने अनुमान लगाया है कि ऐपल-टू-एयरपोर्ट ग्रुप पर जितना कर्ज होना चाहिए, उससे तीन गुना अधिक है। दामोदरन ने कहा था कि इसके ऋण भार को कम करने से न केवल इसकी विफलता का जोखिम कम होगा बल्कि पूंजी की लागत भी कम होगी। इस बीच, रेटिंग एजेंसी ICRA ने अडानी पोर्ट्स और अडानी टोटल गैस के आउटलुक को “स्थिर” से “नकारात्मक” कर दिया है।
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