लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस राज्य में अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत करने में जुटी है और सभी 403 विधानसभा सीटों पर तैयारी के संकेत दे रही है। हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व ही करेगा।
मुंबई में कांग्रेस के नॉर्थ इंडियन सेल द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि राज्यभर में जमीनी स्तर पर संगठनात्मक काम तेज कर दिया गया है। पांडे के अनुसार, पार्टी अब तक करीब 1.69 लाख बूथ-लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त कर चुकी है, जो विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत मतदाता सत्यापन में सक्रिय हैं। इसके साथ ही लगभग दो लाख कार्यकर्ताओं का पंजीकरण और प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है।
सपा का रुख: गठबंधन प्राथमिकता, संगठन पर किसी को आपत्ति नहीं
इस बीच समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस की संगठनात्मक मजबूती पर आपत्ति से इनकार किया है, लेकिन गठबंधन की अहमियत पर जोर दिया है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि हर पार्टी को खुद को मजबूत करने का अधिकार है। सपा का मानना है कि सहयोगी दलों के साथ मिलकर ही भाजपा को चुनौती दी जा सकती है और दोस्ती मुश्किल समय में निभाई जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सपा जमीन से जुड़ी पार्टी है और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विपक्ष के प्रमुख नेता के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में सपा प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ बनी हुई है।
अकेले चुनाव या गठबंधन—फैसला हाईकमान का
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट किया कि संगठन सृजन और मजबूती पर काम जारी है और 403 सीटों पर तैयारी संगठनात्मक दृष्टि से की जा रही है। अकेले चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कई राज्यों में मजबूत हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनावी रणनीति राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय के अनुरूप ही तय होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इंडिया गठबंधन फिलहाल मजबूती से काम कर रहा है और पिछले चुनाव में सपा-कांग्रेस सहयोग से दोनों दलों को लाभ मिला था।
वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि यूपी चुनाव अभी दूर हैं और इस समय प्राथमिकता संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने की है। उन्होंने भरोसा जताया कि मजबूत संगठन का लाभ गठबंधन की स्थिति में भी मिलता है और यही नेतृत्व की अपेक्षा है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस की 403 सीटों पर तैयारी और सपा के साथ तालमेल को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हैं, लेकिन अंतिम तस्वीर 2027 से पहले राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसलों के साथ ही साफ होगी।
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