महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना में बड़ी टूट के बाद सियासी संकट गहरा गया है. इस बीच शिवसेना के बागी गुट ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे इस्तीफा देते हैं और एमवीए (महा विकास अघाड़ी) से बाहर आते हैं तभी आगे की बात होगी. हम उद्धव ठाकरे की बातों पर विश्वास नहीं कर सकते.
शिवसेना के बागी गुट का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं और इस समय गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हैं. दावा किया जा रहा है कि उनके साथ 46 विधायक हैं. इसमें कुछ निर्दलीय भी शामिल हैं. शिंदे ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को एक पत्र लिखा था, जिस पर शिवसेना के 35 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे.
क्या चाहते हैं एकनाथ शिंदे?
वहीं आज जब मुख्यमंत्री ने बैठक की तो इस बैठक में मात्र 13 विधायक ही पहुंचे. शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं. दरअसल, एकनाथ शिंदे का साफ-साफ कहना है कि शिवसेना…कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन तोड़ ले और बीजेपी के साथ सरकार बनाए.
उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, ”नवंबर 2019 में गठित एमवीए से सिर्फ गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और राकांपा को लाभ हुआ है जबकि सामान्य शिवसैनिकों को गठबंधन के पिछले ढाई साल में सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है.”
शिवसेना के बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में मौजूद शिंदे ने ट्वीट किया, ‘‘शिवसेना और शिवसैनिकों के हित में यह आवश्यक है कि इस अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकला जाए. राज्य के हित में फैसला लेना आवश्यक है.’’
संजय राउत के बयान ने चौंकाया
इससे पहले राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं, किसी शिवसैनिक के उत्तराधिकारी बनने पर खुशी होगी.
वहीं आज फिर उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ बैठक की. इसके बाद उनके करीबी नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र में एमवीए सरकार से बाहर आने को तैयार, लेकिन पार्टी के बागी नेताओं को (गुवाहाटी से) मुंबई 24 घंटों के भीतर लौटना होगा.
-एजेंसियां
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