हिमाचल की हलचल: गडकरी के मंत्रालय की मीटिंग अटेंड करने पहुंचे विक्रमादित्य

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दिल्ली के कांग्रेस पर्यवेक्षकों द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई के भीतर मतभेदों को सुलझाने का दावा करने के एक दिन बाद विक्रमादित्य सिंह सड़क मंत्रालय के साथ अपनी ‘निर्धारित’ बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार को शिमला से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। परिवहन और राजमार्ग विभाग भाजपा नेता नितिन गडकरी के पास है।

हिमाचल कांग्रेस पार्टी के अंदरखाने में सबकुछ सही नहीं चल रहा है और खुद विक्रमादित्य ने प्रदेश के सीएम सुक्खू पर यह आरोप लगाते हुए कि उनके पिता के नाम पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य में चुनाव जीता लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मूर्ति स्थापित करने के लिए जगह नहीं मिल पाई। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार शाम शिमला में कैबिनेट बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में राज्य में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल से जुड़े बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि विक्रमादित्य बुधवार ने राज्य मंत्रिमंडल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था और कुछ घंटों बाद वापिस भी ले लिया। अब वे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री की हैसियत से दिल्ली में नितिन गडकरी के मंत्रालय पीडब्ल्यूडी की बैठक में भाग लेंगे।

विक्रमादित्य रविवार को लौंटेगे शिमला

हिमाचल प्रदेश के माननीय लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री के रूप में विक्रमादित्य सिंह के दौरे के कार्यक्रम के अनुसार आज वह दिल्ली पहुंचेंगे। उनका शनिवार को विभिन्न मुद्दों पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ एक बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है और रविवार को शिमला लौटेंगे।

विक्रमादित्य के निर्धारित दौरे के कार्यक्रम की एक प्रति मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यालय, विधानसभा अध्यक्ष आदि सहित सभी संबंधित विभागों को वितरित की गई थी लेकिन इसमें किसी भी राजनीतिक बैठक का उल्लेख नहीं था।

6 विधायकों को किया गया अयोग्य घोषित

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह बागी विधायकों द्वारा भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। इन छह एमएलए की क्रॉस वोटिंग के चलते कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए। गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने छह बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था। ये छह नेता हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh