स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं भोजन पकाने के लिए एल्युमिनियम अथवा हिंडालियम से बने बर्तन – Up18 News

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं भोजन पकाने के लिए एल्युमिनियम अथवा हिंडालियम से बने बर्तन –

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पहले भारत में मिट्टी अथवा पीतल के कलई किए हुए बरतनों में भोजन बनाने की परंपरा थी। स्व. राजीव दीक्षित बार-बार बताते थे कि अंग्रेजों ने भारतीय कैदी शीघ्र मरें, इसलिए कारागृह में एल्युमिनियम के बरतनों का उपयोग प्रारंभ किया था । आज ये बरतन प्रत्येक के घर में पहुंच गए हैं । एल्युमिनियम अथवा हिंडालियम (एल्युमिनियम से बनी एक मिश्रधातु) से बने बरतन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं ।

एल्युमिनियम के बरतन पर यदि स्टील की साधारण चम्मच भी रगडी जाए तो भी इस धातु के कण बाहर निकलते हैं । इन बरतनों में बना हुआ अन्न खाने पर धातुओं का अंश भोजन के माध्यम से शरीर में जाता है । प्रतिदिन अन्न के माध्यम से साधारणतः ५ मिलिग्राम तक एल्युमिनियम सेवन किया जाता है ।

नीम्बू, टमाटर जैसे अम्लीय पदार्थ इन बरतनों में पकाने पर इन बरतनों के आयन्स (विद्युतभारित कण) अन्न में शीघ्र घुलते हैं । ऐसा अन्न शरीर के लिए हानिकारक होता है ।

मनुष्य के शरीर में ऐसी धातुओं को बाहर निकालने की क्षमता मर्यादित होती है । इस क्षमता से अधिक धातु शरीर में जाने पर वे मांसपेशी, मूत्रपिंड, यकृत (लिवर), हड्डियां आदि स्थानों पर धीरे-धीरे एकत्रित होने लगती है । एल्युमिनियम धातु मस्तिष्क की पेशियों पर भी हानिकारक परिणाम करती है । इस प्रकार शरीर में एकत्रित हुआ एल्युमिनियम स्लो पॉयजन अर्थात धीमा विष बनता है ।

निराशा, चिंता, स्मृतिलोप, हड्डियों से संबंधित रोग (ऑस्टीओपोरोसिस), नेत्रों के विकार, मूत्रपिंडों की क्षमता घटना, अतिसार, अतिआम्लता (हाइपरएसिडटी), अपचन, पेट में वेदना, आंतों में सूजन आना (कोलायटिस), बार-बार छाले होना, इसब जैसे (एक्जिमा जैसे) त्वचारोग होते हैं ।

मिट्टी के बरतन सर्वोत्तम विकल्प हैं । बाजार में ये बरतन न मिलने पर स्थानीय कुम्हार से ये बरतन बनवा लेने चाहिए । भोजन बनाने के लिए मिट्टी के बरतनों का उपयोग करने से शरीर के लिए आवश्यक खनिज भोजन के माध्यम से मिलते हैं । मिट्टी के बरतनों में बने हुए भोजन का स्वाद जो एक बार चख लेगा, वह पुनः कभी अन्य बरतनों का विचार भी नहीं करेगा ।

मिट्टी के बरतनों का उपयोग संभव न हो, तो तांबे-पीतल के कलई किए हुए बरतनों का उपयोग करें । इन बरतनों का उपयोग खट्टे पदार्थों के लिए न करें ।

स्टेनलेस स्टील के बरतनों का उपयोग, यह सरल उपाय है । अभी तक स्टेनलेस स्टील के दुष्परिणाम सामने नहीं आए हैं ।

शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् । अर्थात निरोगी शरीर साधना करने के लिए प्रथम साधन है, ऐसा शास्त्रवचन है । ईश्‍वर द्वारा दिए गए इस शरीर का मूल्य पैसों में करना संभव नहीं है । जिनके घर में एल्युमिनियम के बरतन एक साथ परिवर्तित करना संभव न हो, वे चरण दर चरण बरतन परिवर्तित कर सकते हैं । नए-नए भ्रमणभाष संच, अनावश्यक सौंदर्यप्रसाधन, शरीर के लिए हानिकारक कपडों-बरतनों के साबुन, टूथपेस्ट, नूडल्स, कुरकुरे जैसे पदार्थ जिनमें पोषक पदार्थ नहीं है, बिना काम का और सिरदर्द बढानेवाला दूरदर्शन संच (टीवी), डिश एंटीना आदि पर होनेवाला अनावश्यक व्यय बंद कर इन्हीं पैसों से स्वास्थ्य के लिए आवश्यक ऐसे मिट्टी के बरतन अथवा वैकल्पिक बरतन क्रय कर निरोगी रहना क्या सहज संभव नहीं है ?

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Dr. Bhanu Pratap Singh