UP nikay chunav naveen jain

UP Nikay chunav आगरा के सभी मेयर को भाजपा ने लड़वाया है चुनाव, अधिकांश जीते, Governor, MLA, Minister भी बने, क्या 2024 में नवीन जैन को मिलेगा मौका

Election

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Live Story Time

Agra, Uttar Pradesh, India. सब जानते हैं कि नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा 1989 से है। उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, लेकिन नगर निगम में भाजपा की सरकार रही है। यहां खास बात यह है कि अब तक छह महापौर बन चुके हैं। इनमें से रमेशकांत लवानिया विधायक रहे। बेबीरानी मौर्य और अंजुला सिंह माहौर विधायक हैं। बेबीरानी मौर्य तो उत्तराखंड की राज्यपाल रही हैं और इस समय उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। किशोरीलाल माहौर ने लोकसभा और इन्द्रजीत आर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा है। सवाल यह है कि क्या यह मौका नवीन जैन को मिलेगा। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।

रमेश कांत लवानिया

1989 में 80 सभासदों ने मिलकर नगर प्रमुख के रूप में रमेश कांत लवानिया को चुना था। वे 1993 में 45444 वोट पाकर आगरा छावनी से विधायक बने। कांग्रेस के कद्दावर नेता और मंत्री रहे डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल को हराया।

बेबीरानी मौर्य

1995 में बेबीरानी मौर्य को भाजपा ने घर से बाहर निकाला और मेयर बना दिया। भाजपा ने उन्हें 2007 में एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया। चुनाव हार गईं। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया। वे उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आगरा ग्रामीण से टिकट दिया। चुनाव जीतने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

किशोरीलाल माहौर

वर्ष 2000 में भाजपा की टिकट पर महापौर किशोरीलाल माहौर चुनाव जीते।  वर्ष 2004 में उन्हें भाजपा ने फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़वाया लेकिन पराजित हो गए। दूसरे स्थान पर आए थे। वे एक बार समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। फिर भाजपा में लौट आए।

UP Nikay Chunav: दैनिक जागरण में पत्रकार भानु प्रताप सिंह ने 80 दिन चलाया था अभियान, जो एक रिकॉर्ड, शर्म के मारे छिप जाते थे सभासद, जनता देती थी गालियां

अंजुला सिंह माहौर

अंजुला सिंह माहौर ने भाजपा की टिकट पर आगरा महापौर का चुनाव 2006 में 26335 मतों के अंतर से जीता था। इस समय वे हाथरस विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। महापौर बनने के बाद वे समाजवादी पार्टी में चली गई थीं। फिर पार्टी में लौट आईं। उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा का मंत्री भी बनाया गया है।

इंद्रजीत आर्य

वर्ष 2012 में इंद्रजीत आर्य को भारतीय जनता पार्टी ने महापौर बनाया। नौ वर्ष पहले लोकसभा चुनाव के दौरान मेयर रहते हुए वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। 2017 में वे भाजपा में आ गए। 1985 में आगरा पश्चिम से विधानसभा से चुनाव लड़े थे लेकिन पराजित हो गए।

नवीन जैन

वर्ष 2017 में भाजपा के नवीन जैन ने मेयर का चुनाव बम्पर मतों से जीता। उन्हें 2,17,881 मत मिले जबकि दूसरे नम्बर पर रहे बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी दिगम्बर सिंह धाकरे को 1,43,558 वोट। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राहुल चतुर्वेदी को 49,788 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी बशीर 35243  मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे। कांग्रेस उम्मीदवार विनोद बंसल को केवल 22,554 वोट मिले थे। नवीन जैन ने नगर निगम को पांच साल धांसूपन से चलाया। सवाल यह है कि अन्य महापौरों की तरह क्या नवीन जैन को भी सांसद या विधायक का टिकट भाजपा देगी।

एक नजर

1989 में भाजपा के रमेशकांत लवानियां (अनारक्षित) जीते।

1995 में भाजपा की बेबीरानी मौर्य (अनुसूचित जाति महिला) जीतीं।
2000 में भाजपा के किशोरी लाल माहौर (अनुसूचित जाति), जीते।

2006 में भाजपा की अंजुला सिंह माहौर (अनुसूचित जाति महिला) जीतीं। उन्हें 136,637 वोट मिले।
2012 में भाजपा के इंद्रजीत आर्य (अनुसूचित जाति) जीते। उन्हें 135,647 वोट मिले।
2017 भाजपा के नवीन जैन (अनारक्षित) जीते। उन्हें 217,881 वोट मिले।

2023 में भाजपा की हेमलता दिवाकर कुशवाहा (अनुसूचित जाति महिला) प्रत्याशी हैं।

आगरा में 6 सभासदों को खूब फला 1989 का चुनाव, विधायक, मेयर और मंत्री तक बन गए

Dr. Bhanu Pratap Singh