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आगरा में 6 सभासदों को खूब फला 1989 का चुनाव, विधायक, मेयर और मंत्री तक बन गए

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डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India. यूपी निकाय चुनाव की बात चली है तो मुझे याद आता है 1989 का चुनाव। तब आगरा को नगर महापालिका कहा जाता था। 40 कक्षों में 80 सभासद थे। इनमें से छह सभासदों और नगर प्रमुख को यह चुनाव खूब फला। कुछ को देर से तो कुछ को बहुत जल्दी। आइए जानते हैं इनके बारे में।

किशन गोपाल

1989 में कक्ष-35 से सभासद रहे किशन गोपाल को 1989 के चुनाव में भाजपा ने आगरा पश्चिम से टिकट दिया। 26244 वोट पाकर विजय हासिल की। 1991 में हुए चुनाव में किशन गोपाल ने एक बार फिर विजय हासिल की। पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इसके बाद वे बागी हो गए थे। फिर उन्होंने राजनीति को टा-टा बोल दिया। अपने जूता कारोबार कर रहे हैं।

डॉ. रामबाबू हरित

1989 में वार्ड-34 से सभासद रहे डॉ. रामबाबू हरित मूल रूप से बहुजन समाज पार्टी के हैं। भाजपा में आए तो उनकी राजनीतिक उठान शुरू हुआ। पार्टी ने उन्हें 1993 के चुनाव में आगरा पश्चिम से टिकट दिया। 49495 वोट पाकर विजयी हुए। 1996 में हुए फिर मौका मिला और विजयी रहे। वोट मिले 46658। भाजपा ने 2022 के चुनाव में फिर मौका दिया। तीसरी बार भी उन्हें विजय मिली और वोट मिले 32816। वोट लगातार गिरते गए। 2007 का विधानसभा चुनाव बसपा प्रत्याशी गुटियारीलाल दुबेश से हार गए। दुबेश अब भाजपा में हैं लेकिन दमदार उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके हैं। 2012 में यह सीट सामान्य हो गई और डॉ. रामबाबू हरित का पत्ता साफ हो गया। पार्टी ने उन्हें राज्य सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया लेकिन वे बहुजन समाज पार्टी में चले गए थे। फिर से भाजपा में लौट आए।

केशो मेहरा

1989 में वार्ड-15 से केशो मेहरा और गोपाल शर्मा गुरु सभासद थे। 1996 में आगरा कैंट से भाजपा ने केशो मेहरा को टिकट दिया। 44556 वोट पाकर वे विधायक चुने गए। मुझे इस चुनाव का भलीभांति स्मरण है। वे कार्यकर्ताओं को खाने के नाम पर केला खिलाया करते थे। किसी से चंदा भी नहीं लिया था। जो अपने पास था, उसी से चुनाव लड़ा। वर्ष 2020 में भी भाजपा ने टिकट दिया लेकिन 1520 वोट से चुनाव हार गए। बसपा के मोहम्मद बशीर ने खाता खोला। वर्ष 2007 में भाजपा ने तीसरी बार टिकट दिया लेकिन बसपा के जुल्फिकार अहमद भुट्टो के सामने 3375 वोट से चुनाव हार गए।

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योगेन्द्र उपाध्याय

1989 में वार्ड-25 से सभासद रहे योगेन्द्र उपाध्याय को भारतीय जनता पार्टी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में आगरा दक्षिण से प्रत्याशी बनाया। 74324 वोट पाकर विजयश्री हासिल की। 2017 में फिर से मौका मिला और 111882 वोट पाकर विजयी रहे। उन्हें पार्टी ने मुख्य सचेतक बनाया। तीसरी बार 109262 वोट पाकर भाजपा का झंडा फहराया। भाजपा ने उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया है।

डॉ. जीएस धर्मेश

1989 में वार्ड-37 से डॉ. जीएस धर्मेश कांग्रेस के टिकट पर सभासद चुने गए थे। उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की बात तय हो गई थी। तब मैं दैनिक जागरण में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था। मुझे इस बारे में कहीं से सूचना मिली। मैंने खबर प्रकाशित कर दी। राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मच गई। इसका कारण यह था कि डॉ. जीएस धर्मेश के भाजपा में शामिल होने का समाचार अमर उजाला के तेजतर्रार रिपोर्टर श्री एसपी सिंह के पास ही था। वे किसी कारण से खबर को दबाए बैठे थे। खबर छपने के बाद इस तरह की सूचना आने लगी कि डॉ. धर्मेश का भाजपा में जाना टल गया है। खैर बाद में वे भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रशिक्षण प्राप्त किया। हार नहीं मानी। लगातार सक्रिय रहे। उन्हें सभासदी ऐसी फली कि आगरा कैंट विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार से विधायक हैं। 2017 के बाद 2022 में भी विधायक चुने गए। इतना ही नहीं, उन्हें राज्य सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया।

नवीन जैन

1989 में कक्ष-4 से सभासद रहे नवीन जैन को 2017 के महापौर चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया। उन्होंने 74 हजार मतों के अंतर से विजय हासिल की। अब तक की यह सबसे बड़ी जीत है।

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Dr. Bhanu Pratap Singh