उत्तर प्रदेश में महिलाओं ने अपनी लगन से एक मृतप्राय नदी को नया जीवन दे दिया है। झांसी के बबीना विकास खंड के सिमरावारी गांव में जल सहेलियों ने अनोखी पहल की है। उन्होंने घुरारी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 6 दिनों तक श्रमदान किया। बोरियों में बालू भरकर नदी का पानी रोक कर डैम बनाया और नदी को पानी से लबालब कर दिया। जल सहेलियों ने केवल एक नदी के पुनर्जीवन का काम ही नहीं किया है। बल्कि इससे उन्होंने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।
वर्षों से टूटे चेकडैम के कारण झांसी जिले की घुरारी नदी लगभग मृतप्राय हो गई थी। हालांकि जल सहेलियों ने बिना किसी सरकारी और गैर सरकारी मदद से टूटे चेकडैम को बोरियों की मदद से बांध दिया। अब नदी में रोके गए पानी से स्थानीय लोगों को नहाने, जानवरों को पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है। जल सहेली मीरा ने बताया कि इस काम के लिए उत्साह इतना अधिक था कि रात-रात भर नींद नहीं आती थी। जब नदी में पानी भर गया और गर्दन तक पानी देखकर आज हम सबका उत्साह बहुत बढ़ा है।
मीरा कहती है कि जल सहेलियां आगे भी जल संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के लिए प्रयास करती रहेंगी। बुंदेलखंड में जल संचयन का काम कर रहे परमार्थ के प्रमुख संजय सिंह ने बताया कि महिलाओं के इस काम से और लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। गर्मी में जल संचयन के लिए महिलाओं की यह जागरूकता काबिले तारीफ है। वॉटर बॉडीज की जरूरत बताते हुए वे कहती हैं कि जल है तो कल है। इस मंत्र को अलग लोग समझ लें तो जल संकट को दूर किया जा सकता है। हमें अपने वॉटर बॉडीज को सबकी मदद से मिलकर बचाना ही होगा।
-एजेंसी
- गांव से गौरव तक: सुधीर सक्सेना ने रायपुर में राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता ब्रॉन्ज़ मेडल - July 22, 2025
- Agra News: ट्रांस यमुना में मकान पर कब्जे के विवाद में छत से गिरी महिला, जांच के बाद चार पुलिसकर्मी निलंबित - July 21, 2025
- Agra News: सावन आश्रम में जीवनदायी सेवा, 57 लोगों ने किया रक्तदान - July 21, 2025