महाराष्ट्र में शिवसेना का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार पर आए संकट के बीच कांग्रेस में भी सिर फुटव्वल हो गया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफे की नसीहत दे डाली। आचार्य के बयान से असहज पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह कहकर आचार्य प्रमोद के बयान को दरकिनार कर दिया कि वह पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। अब प्रमोद ने भी जयराम को जवाब दिया है।
क्या कहा था आचार्य प्रमोद कृष्णम ने?
पूरे विवाद की शुरुआत गुरुवार को उस वक्त हुए जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को तुरंत इस्तीफा देने की नसीहत दे डाली। उन्होंने शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे का जिक्र करते हुए यह सलाह दी। उन्होंने लिखा, ”सत्ता को ‘ठोकर’ पे मारने वाले स्व. बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे जी को मराठा ‘गौरव’ की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए ‘मुख्यमंत्री’ के पद को त्यागने में एक पल का ‘विलम्ब भी नहीं करना चाहिए।
पार्टी ने झाड़ा पल्ला, जयराम रमेश ने दिया जवाब
आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से महाराष्ट्र में गठबंधन साथी को लेकर दिए गए इस बयान से पार्टी बेहद असहज नजर आई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कम्युनिकेशन विंग के प्रभारी जयराम रमेश ने आचार्य के बयान से पार्टी को अलग किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”ना तो यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं।”
प्रमोद कृष्णम का पलटवार
बात यहीं खत्म नहीं हुई। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जयराम रमेश पर भी निशाना साध डाला। जयराम रमेश की ओर से ‘अधिकृत नहीं’ कहे जाने से आहत आचार्य ने ट्विटर पर उन्हें टैग करते हुए लिखा, ”अधिकृत तो ‘टेम्प्रेरी’ होता है प्रभु, मैं तो ‘परमानेंट’ हूं, फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो ‘जयराम’ जी की।”
-एजेंसियां
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