श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट कांड में दो आतंकी दोषी करार, सजा का ऐलान 2 जनवरी को

REGIONAL

जौनपुर। सिंगरामऊ के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में 28 जुलाई 2005 को हुए बम विस्फोट के मामले में कोर्ट ने दो  बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को दोषी करार दिया गया है। शुक्रवार को अपर सत्र न्याधीश प्रथम राजेश राय की अदालत में दोनों को दोषी करार दिया गया। इस मामले में अब दो जनवरी को सजा सुनायी जाएगी।

28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 14 लोग मरे थे व 18 लोग घायल हुए थे। मामले में ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर एवं षड्यंत्र करने वाले आतंकी ओबैदुर्रहमान को वर्ष 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुद्धीराम यादव ने मृत्युदंड की सजा सुनाया था।

दोनों ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है जो विचाराधीन है। शेष दोनों आरोनी बांग्लादेश निवासी हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल के नफीकुल के मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। दोपहर बाद करीब तीन बजे दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला कारागार से न्यायालय ले जाया गया। वहां करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद दोनों को दोषी करार दिया गया।

सजा के लिए दो जनवरी की तिथि मुकर्रर की गई है। डीजीसी फौजदारी सतीश कुमार पांडेय व सहायक शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार मौर्या ने बताया कि मामले में दोनों आरोपी आतंकियों को दोषी करार दिया गया है। सजा दो जनवरी को सुनायी जाएगी। इस मामले में वर्ष 2016 में दो आतंकियों को फांसी की भी सजा सुनायी जा चुकी है। हालांकि दोनों ने हाई कोर्ट में अपील डाल रखा है।

14 की मौत व 62 यात्री हुए थे घायल

28 जुलाई 2005 की शाम 5.15 बजे थे। पटना से दिल्ली जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्री निश्चिंत होकर सफर कर रहे थे। इसी बीच सिंगरामऊ के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास जनरल बोगी में तेज धमाका हुआ। इस आतंकी धमाके में 14 लोग मारे गए और 62 लोग घायल हुए थे। दिल दहला देने वाली इस घटना के 18 साल बीतने के बाद पीड़ित परिवारों को न्याय मिला।

आतंकवादी संगठन हूजी ने बनाई थी रणनीति

अभियोजन पक्ष के अनुसार आतंकवादी संगठन हूजी से जुड़े आरोपितों हिलाल, रोनी, कंचन उर्फ शरीफ के अलावा सजायाफ्ता लश्कर के आतंकी ओबैदुर्रहमान, याहिया व डा. सईद ने धमाकों की साजिश रची थी। इनको हूजी कमांडर अब्दुल रउफ ने तैयार किया और मुफ्ती हन्नान ने बम बनाने का प्रशिक्षण दिया। बांग्लादेशी आतंकी पद्मा नदी पार कर नाव से प. बंगाल के रास्ते भारत में घुसे थे।

आतंकियों ने पटना के मियां टोला से विस्फोटक सामग्री व अटैची खरीदी। खुसरूपुर में याहिया व ओबैदुर्हमान ने बम बनाया। हिलाल व रोनी ने पटना स्टेशन के प्लेटफार्म तीन पर खड़ी श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीट के नीचे अटैची में बम रखकर बांध दिया और चले गए। पकड़े जाने के बाद पेशी के दौरान आतंकी हिलाल व रोनी को जीआरपी वाराणसी के कांस्टेबल श्यामजी व सुरेश ने कोर्ट में पहचाना था।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh