फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वालों का पर्दाफाश,सात सीएससी संचालक गिरफ्तार

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वालों का पर्दाफाश,सात सीएससी संचालक गिरफ्तार

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 उत्तर प्रदेश के महाराजगंज  जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का पुलिस ने खुलासा कर दिया। साइबर सेल ने सात सीएससी संचालकों को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया। इस मामले में प्रभारी एडीपीआरओ ने कोतवाली में केस दर्ज कराया था और एसपी ने कार्रवाई के लिए साइबर सेल, एसओजी की टीम को लगाया था। आरोपियों के कब्जे से 45 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, चार लैपटॉप व नौ मोबाइल सेट बरामद हुए।

एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह ने सोमवार को खुलासा किया कि पंचायती रात विभाग ने जानकारी दी थी कि जिले कुछ सहज जन सेवा केन्द्रों पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर निर्गत किया जा रहा है। प्रभारी डीपीआरओ/एडीओ पंचायत सदर सुधीर कुमार सिंह की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया। एसपी ने कार्रवाई के लिए साइबर सेल व एसओजी को लगाया और टीम ने जांच के लिए कई सीएससी संचालकों को अपने रडार पर ले लिया। छापेमारी में उनके पास से फर्जी जन्म प्रमाण मिलने के बाद टीम ने गिरफ्तार किया। उनके मोबाइल व लैपटॉप कब्जे में लेकर सील कर दिया। बरामद लैपटॉप व फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच जिला पंचायती राज विभाग के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने की थी। जांच में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का प्रमाण प्रमाणित होने के बाद सात सीएससी संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

चार फर्जी वेबसाइट से बनाए जा रहे थे जन्म प्रमाण पत्र

जांच में यह जानकारी सामने आई कि सीएससी संचालक चार वेबसाइट से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना रहे थे। वेबसाइट फर्जी पाए जाने पर साइबर सेल ने उसे बंद कराने के लिए विधिक प्रक्रिया शुरू करा दी है।

सौ रुपये में बना रहे थे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में साइबर सेल व एसओजी की टीम ने रमेश प्रजापति निवासी पिपरदेउरा थाना कोतवाली, अभिषेक पांडेय निवासी बरगदही बसंतपुर थाना चौक, सत्येन्द्र साहनी निवासी धर्मपुर थाना चौक, कृष्णा निषाद निवासी सोनाड़ी खास थाना चौक, गौतम निवासी केवलापुर कला थाना चौक, अजय निषाद निवासी ग्राम व थाना सोहगीबरवा व संजय विश्वकर्मा निवासी गौनरिया बाबू थाना कोतवाली को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 45 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, चार लैपटाप व नौ मोबाइल सेट बरामद हुए। एएसपी ने बताया कि आरोपित फर्जी वेबसाइट से फर्जी आईडी बनाकर 45 कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र तैयार किए थे। प्रमाण पत्र बनाने के लिए सौ-सौ रुपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त किए थे। इन जन्म प्रमाण पत्रों को अधिकृत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने निर्गत नहीं किया था।

27 गांवों के मामले में विस्तृत जांच जारी

एडीपीआरओ ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि सीआरएस साफ्टवेयर से 27 ग्राम पंचायतों से फर्जी ढंग से जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। सीआरएस साफ्टवेयर का यूजर आईडी व पासवर्ड ग्राम सचिव के पास होता है। पूछताछ में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2022 से मार्च 2022 के बीच उनके द्वारा कोई जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। एएसपी ने बताया कि विवेचना चल रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

पुलिस की इस टीम ने किया खुलासा

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले सीएससी संचालकों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में साइबर सेल प्रभारी सत्येन्द्र कुमार राय, कोतवाली के एसआई बृजभान यादव, एसओजी के एसआई विपेन्द्र मल्ल, साइबर सेल के हेड कांस्टेबल प्रफुल्ल कुमार यादव, सत्येन्द्र मल्ल, आलोक कुमार पांडेय, एसओजी के हेड कांस्टेबल आशुतोष सिंह, विद्यासागर, कोतवाली के हेड कांस्टेबल समीउल्लाह, साइबर सेल के कांस्टेबल लाल बहादुर यादव, कोतवाली के कांस्टेबल प्रवीण वंशल, एसओजी के कांस्टेबल हृदयानंद यादव, साइबर सेल की महिला कांस्टेबल गुंजन यादव शामिल रहीं.

Dr. Bhanu Pratap Singh