- Agra, Uttar Pradesh, India. खेरागढ़ तहसील कर्मचारियों में आजकल हड़कंप मचा हुआ है। क्षेत्र में कार्यरत लेखपालों और राजस्व निरीक्षक पर तमाम तरह के आरोप लग रहे है। जिससे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। दो लेखपाल, एक राजस्व निरीक्षक के अलावा दो अन्य पर हुई कार्रवाई से तहसील क्षेत्र में खलबली मच गई है। एसडीएम खेरागढ़ अनिल कुमार ने दोनों लेखपाल और राजस्व निरीक्षक का स्थानांतरण करते हुए मामले की जांच कर विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए है।
पहला मामला थाना कागारौल क्षेत्र के गांव नगला घुरैला का है। विजयवीर सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह ने बीते करीब दो माह पूर्व तत्कालीन एसएसपी आगरा प्रभाकर चौधरी के समक्ष पेश होकर शिकायत का प्रार्थना पत्र दिया जिसमें उन्होंने लेखपाल लोकेंद्र सिंह, क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक दीपक सक्सेना और राजेश कुमार, विजय पाल सिंह पुत्रगण शिव सिंह पर एक विवादित जमीन पर कूटरचित सुनियोजित षड्यंत्र कर जमीन के दस्तावेज, अभिलेखों में छेड़छाड़ फेरबदल कर विपक्षियों को लाभ पहुंचाने के लिए तहसील खेरागढ़ में प्रस्तुत करने का आरोप लगाया। यहीं नहीं लेखपाल और राजस्व निरीक्षक पर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगने का भी आरोप था। जिस पर मामले में एसएसपी आगरा ने मामले की जांच कराकर करवाई करने का आदेश दिया।
मामले में जांच पड़ताल हुई तो दस्तावेजों में फेरबदल करने का मामला सामने आया। जिस पर अपर पुलिस आयुक्त के आदेश पर लेखपाल लोकेंद्र सिंह क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक दीपक सक्सेना समेत राजेश कुमार, विजय पाल सिंह पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुआ। आलाधिकारियों के आदेश पर चारों के खिलाफ धारा 420,467,468,471 में थाना कागारौल में एफआईआर दर्ज हुई।
लेखपाल और राजस्व निरीक्षक पर एफआईआर दर्ज होने पर मामले को एसडीएम खेरागढ़ अनिल कुमार ने संज्ञान लेते हुए लेखपाल लोकेंद्र सिंह का स्थानांतरण और राजस्व निरीक्षक दीपक सक्सेना को ऑफिस से अटैच करते हुए दोनों के खिलाफ विभागीय जांच कर दंडतात्मक कार्रवाई करने के आदेश दे दिए।
दूसरा मामला रघुपुरा का है। छीतर प्रसाद पुत्र भूरी सिंह निवासी रघुपुरा ने विभिन्न माध्यमों के साथ सम्पूर्ण समाधान दिवस में विपक्षी हनीफ पुत्र उम्मेद सिंह द्वारा जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया। जिसमें लेखपाल रामगोपाल ने जांच अख्या में बताया गया कि छीतर प्रसाद की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा रहा बल्कि अपनी भूमि पर निर्माण किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद छीतर प्रसाद लगातार शिकायत करता रहा। जिसकी जांच तहसील प्रशासन ने अन्य टीम से कराई तो सामने आया कि सरकारी जमीन पर भी कब्जा करने का मामला निकला। जिस पर एसडीएम खेरागढ़ अनिल कुमार ने लेखपाल रामगोपाल पर तथ्यों को छिपाना, अधिकारियों को भ्रमित करना और सरकारी जमीन की शासकीय भूमि की क्षति होने पर उसके खिलाफ विभागीय जांच करने के लिए तहसीलदार खेरागढ़ को नामित किया है, जिससे दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।
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