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17 मार्च से बंद है ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी, आगरा में हाहाकार, देखें वीडियो

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Agra (Uttar Pradesh, India)अदृश्य कोरोनावायरस के कारण विश्वदाय स्मारक ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी 17 मार्च, 2020 से बंद हैं। करीब चार लाख लोगों की रोजी-रोटी ताजमहल के सहारे चलती है। होटल, रेस्टोरेंट, गाइड, फोटोग्राफर, एम्पोरियम, ट्रेवल से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हैं। जैसे इस समय टूरिस्ट वाहन नहीं चल रहे हैं तो ड्राइवर, कंडक्टर बेरोजगार बैठे हैं। जमा-पूंजी खत्म हो चुकी है। बेरोजगारी चरम पर है। होटल खुल भी जाएं तो क्या होगा क्योंकि पर्यटक ही नहीं है। विदेशी पर्यटक तो अभी आने से रहे। इसके चलते आगरा में हाहाकार की स्थिति है।

एक सितम्बर से खुलने पर संशय़

एक सितम्बर से ताजमहल खुलेगा या नही, इस पर अभी संशय है। केन्द्र सरकार के स्तर से स्मारक खोलने जेन का आदेश किया जा चुका है, लेकिन स्थानीय स्तर पर बंद कर दिया जाता है। ताजमहल खुलेगा तो बाहर से लोग आएंगे और ऐसे में कोरोनावायरस भयवाह रूप धारण कर सकता है।

क्या नुकसान हो रहा
372 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब शाहजहां का उर्स नहीं मनाया गया।

यह भी पहली बार ही था कि ईद पर ताज की मस्जिद में बाहर से कोई नमाजी नहीं आया।

ताजमहल के बंद होने के बाद शहर के 650 से ज्यादा होटल और 300 से ज्यादा रेस्टोरेंट बंद पड़े हैं। अनलॉक में अनुमति के बाद भी शहर में 6-7 पांच सितारा होटल ही खुल सके। बजट क्लास होटल पूरी तरह से बंद हैं।

35 हजार शिल्पियों की छैनी-हथौड़ी बंद है।

शहर में 350 हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम व दुकानें 17 मार्च से बंद पड़ी हैं।

1500 गाइड, 800 फोटोग्राफर घर बैठे हैं।

अक्तूबर 2021 तक इनके सामने रोजगार की चुनौती रहेगी। सरकार से पर्यटन को कोई मदद न मिलने के कारण हालात बेहद बदतर हैं।

नॉर्दर्न रीजन, आईटो के चेयरमैन सुनील गुप्ता ने बताया कि ट्रेवल और टूर ऑपरेटर, लोकल साइट सीन कराने वाले ड्राइवर परेशान हैं। पर्यटकों के ना आने के कारण जो जमा पूंजी थी, वह भी 100 दिनों में खर्च हो चुकी है। अगले डेढ़ साल तक पर्यटन कारोबार के पटरी पर लौटने की उम्मीद भी नहीं है। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन दिहाड़ी मजदूरों की गिनती में उन्हें रखा ही नहीं गया है।