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ये काम कराने में यूपी के सांसद, विधायक, मंत्री तक हो गए फेल, वीडियो में देखिए पूरी कहानी

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश का मुख्यालय प्रयागराज (इलाहाबाद) में है। इसे संक्षेप में यूपी बोर्ड के नाम से जाना जाता है। इसका काम हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के विद्यालयों की मान्यता, पाठ्यक्रम तय करना और परीक्षा कराना है। यूपी बोर्ड अपना स्थापना का 100वां साल मना रहा है। यूपी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय आगरा में स्थापित होना है। सबकुछ तैयार है। फिर भी यूपी सरकार ने क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर में स्थापित कर दिया, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद है। आगरा में कार्यालय स्थापित कराने में यूपी और आगरा के सांसद, विधायक और कई मंत्री फेल हो चुके हैं। फिर भी संघर्षरत डॉ. देवी सिंह नरवार ने हार नहीं मानी है। वे 21 साल से संघर्ष कर रहे हैं और अब गति तेज कर दी है।

पांच क्षेत्रीय कार्यालय

यूपी बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं- मेरठ, वाराणसी, बरेली और इलाहाबाद। इसी क्रम में वर्ष 2001 में आगरा और गोरखपुर में क्षेत्रीय कार्यालय खोले जने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया। जून, 2017 में गोरखपुर में क्षेत्रीय कार्लाय खोल दिया गया लेकिन आगरा टापता रह गया।

आगरा का प्रस्ताव

यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्लालय के तहत आगरा मंडल, अलीगढ़ मंडल, झांसी मंडल और कानपुर मंडल के 15 जिले- आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनुपरी, अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, झांसी, जालौन, ललितपुर, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज और इटावा को शामिल करने का प्रस्ताव है। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. देवी सिंह नरवार पिछले 21 साल से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके ज्ञापनों का असर यह हुआ कि पांच मार्च, 1991 को शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने शासन को प्रस्ताव भेजा कि आगरा में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाए। सरकारें आती रहीं और प्रस्ताव भी चलता रहा। शासन के निर्देश पर आगर में स्थान भी चिह्नित कर लिया गया। कार्यालय फिर भी नहीं खुला।

इनके माध्यम से दिए गए ज्ञापन

जुलाई, 2001 से नए सिर से फिर अभियान शुरू किया गया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया, पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह सिरोही, यूपी के मंत्री रहे प्रो. एसपी सिंह बघेल, श्रीकांत शर्मा, लक्ष्मी नारायण चौधरी, चौधरी बाबूलाल, विधान परिषद की विशेषाधिकार समिति के सभापति डॉ. जयपाल सिंह व्यक्त, विधायक योगेन्द्र उपाध्याय, रामप्रताप सिंह चौहान, हेमलता दिवाकर कुशवाहा, डीएम आगरा रहे गौरव दयाल (अब कमिश्नर अलीगढ़), मंडलीय  संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा और अलीगढ़ मंडल महेन्द्र देव, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा को ज्ञापन सौंपे गए।

15 दिन तक धरना और सांसद-विधायक-मंत्रियों ने दोबारा लिखा

15 मई 2018 से 30 मई, 2018 तक क्रमिक धरना दिया गया। 30 मई, 2018 को तत्कालीन विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने आश्वासन दिया तो धरना समाप्त किया गया। विधायक अपने साथ शिक्षकों को लखनऊ ले गए और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से मुलाकात कराई। उन्होंने आगरा में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का आश्वासन दिया। फतेहपुर सीकरी से सांसद चौधरी बाबूलाल, विधायकगण जगन प्रसाद गर्ग, योगेन्द्र उपाध्याय, रामप्रताप सिंह चौहान, डॉ. जीएस धर्मेश, मंत्रीगण लक्ष्मी नारायण चौधरी, प्रो. एसपी सिंह बघेल, पंडित श्रीकांत शर्मा के माध्यम से शासन को फिर ज्ञापन भिजवाए गए।

विधानसभा में पूछा सवाल

एत्मादपुर से भाजपा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने आगरा में यूपी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा- गोरखपुर में यूपी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के बाद यूपी में संख्या पांच हो गई है। संसाधनों की कमी के कारण अब और क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाना संभव नहीं है।

राष्ट्रपति, पीएम, राज्यपाल को ज्ञापन

केन्द्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष और संयोजक डॉ. देवी सिंह नरवार का कहना है कि डॉ. दिनेश शर्मा का उत्तर न न्यायसंगत है और न ही औचित्यपूर्ण। गोरखपुर के क्षेत्रीय कार्यालय से आगरा का कुछ भला होने वाला नहीं है। इसे देखते हुए भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यूपी के राज्यपाल को ज्ञापन भेजे गए। इसके बाद भी सुखद परिणाम नहीं मिला है। इसलिए नए सिर से आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने इस अभियान में सहयोग मांगा है।

ये हैं संघर्ष समिति के पदाधिकारी

सत्यवीर सिंह, डॉ. एसपी वर्मा, डॉ. योगेन्द्र सिंह, नरेन्द्र पाल सिंह राजपूत, शिवकुमार सर्मा, अशोक कुमार यादव एडवोकेट, प्रह्लाद सिंह यादव, संजीव कुमार भार्गव, मुकेश अरोरा, विवेक सोलंकी, महेन्द्र प्रताप सिंह, बबलू चौधरी, इंजीनियर डीके अग्रवाल, जयसिंह कुशवाहा, इंजीनियर मान सिंह देशवार, भीमसेन, श्रीनिवास, रोहित जादौन, एसपी सिंह, नितिन कुशवाहा, राजेश तोमर, भूपेन्द्र सिंह सोगरवाल।