समाजसेवी सोनी त्रिपाठी को भारत तिब्बत समन्वय संघ बृज प्रांत मंत्री बनाया गया
Agra, Uttar Pradesh, India. भारत तिब्बत समन्वय संघ बृज प्रांत मंत्री सोनी त्रिपाठी का कहना है कि भारत–तिब्बत समन्वय संघ विश्व का एकमात्र संगठन है जो तिब्बत की स्वतंत्रता और कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति में परिणाम देने के संकल्प के साथ कार्य कर रहा है। तिब्बत की मुक्ति आंदोलन में भारत तिब्बत समन्वय संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके लिए विश्व भर में व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा। तिब्बत के लोग भारत के लिए हमेशा परिवार का हिस्सा ही रहे हैं और तिब्बती मूल के लोगों ने भी भारत के राष्ट्रीय महत्व को सदैव बनाए रखने का प्रयास किया है।
समाजसेवी सोनी त्रिपाठी को भारत तिब्बत समन्वय संघ बृज प्रांत अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ ने बृज प्रांत मंत्री नियुक्त किया है। सोनी त्रिपाठी ने बातचीत में कहा कि 1959 में तिब्बत से भारत आकर यहीं बस जाने वाले 14वें दलाई लामा को पूरे विश्व में करुणा व शांति का धर्मदूत माना जाता है। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा की वजह से तिब्बत की स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर तिब्बती एकजुट रहते हैं। इसलिए इनसे चीन चिढ़ता है और पुनर्जन्म से अवतार परम्परा वाले दलाई लामा में अपनी ओर से एक नया 15वां दलाई लामा बना कर तिब्बती समुदाय पर थोपना चाहता है। भारत–तिब्बत समन्वय संघ ऐसा नहीं होने देगा।
तिब्बत के लोग भारत में रहकर कभी भी स्वयं को शरणार्थी जैसा महसूस नहीं करते हैं और यह बात उनके समुदाय के लोग विश्व भर में जाकर दुनिया को बताते हैं। वर्षों से तिब्बती शरणार्थी भारत में राजनीतिक शरण लिए हुए हैं और चीन से मुक्ति के आंदोलन को दलाई लामा के संरक्षण में अनवरत चलाए हुए हैं। इस कार्य में भारत तिब्बत समन्वय संघ का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। तिब्बती परिवारों के लिए भारत तिब्बत समन्वय संघ के सभी सदस्य दिन रात कार्य कर रहे हैं। भारत में रह रहे सभी तिब्बती भाइयों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए कभी भी उन्हें शरणार्थी नहीं समझा गया है।
तिब्बत मूल के लोगों ने जहां भारत की राष्ट्रीयता का सदैव सम्मान किया है वही रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भाग लेकर देश की एकता अखंडता को खतरा पहुंचाने का प्रयास किया है। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
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