मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को सत्ता संभालने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे सरकार के फैसलों को पलट दिया और मुंबई की मेट्रो कार शेड परियोजना को वापस आरे कॉलोनी में ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा मंत्रिमंडल में इस बात का भी निर्णय लिया गया कि राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र 2 और 3 जुलाई को मुंबई में बुलाया जाएगा।
फडणवीस ने शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को आरे में कार शेड निर्माण का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज़ के बीच 33 किलोमीटर लंबी भूमिगत मेट्रो परियोजना कांजुरमार्ग भूखंड पर कानूनी तकरार के कारण अटक गई थी। जहां पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार ने कार शेड बनाने का प्रस्ताव रखा था। फडणवीस ने नौकरशाहों से पूछा कि क्या महाधिवक्ता के माध्यम से अदालतों को अवगत कराया जा सकता है कि कार शेड आरे में ही बनाया जा सकता है। सीएम शिंदे ने फडणवीस के इस कदम का समर्थन किया।
शिवसेना और बीजेपी के विवाद का प्रमुख कारण
आरे से कार शेड को स्थानांतरित करने का कदम शिवसेना और उसकी पूर्व सहयोगी बीजेपी के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रहा है। राज्य की बागडोर संभालने के एक दिन बाद ठाकरे ने 29 नवंबर 2019 को आरे में कार शेड बनाने के फडणवीस के फैसले को पलट दिया था।
हाई कोर्ट ने लगाई शेड के निर्माण पर रोक
हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिसंबर 2020 में कांजुरमार्ग में शेड के निर्माण पर रोक लगाकर ठाकरे सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक पर रोक लगा दी थी। तब से सरकार इसपर कार शेड बनाने के लिए कोई विकल्प नहीं निकाल पाई।
ठाकरे के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए स्थानांतरित किया गयाः बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी ने इस बात का दावा किया था कि कार शेड को आरे से स्थानांतरित करने का निर्णय ठाकरे के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए किया जा रहा है और इससे भूमिगत मेट्रो परियोजना के निर्माण में चार साल की देरी होगी और इसकी लागत भी ज्यादा होगी। नई सरकार के फैसले का पर्यावरणविदों ने विरोध किया था जिन्होंने कहा कि वे आरे में कार शेड बनाने के किसी भी कदम के खिलाफ अदालत जाएंगे। एनजीओ वंशशक्ति के पर्यावरणविद् डी स्टालिन ने कहा,’हम कोर्ट में इस मामले का विरोध करेंगे। वे कार शेड नहीं बना सकते और सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है।”
सेव आरे मूवमेंट के संजीव वलसन ने कहा,”कांजुरमार्ग में एकीकृत मेट्रो शेड के लिए एक विस्तृत योजना है जो आरे और ठाणे में एक अलग कार शेड की आवश्यकता को दूर करेगी। कांजुरमार्ग की यह जमीन सरकार की है। MMRC को आरे को बख्श देना चाहिए और यह वन क्षेत्र, मीठी नदी का बाढ़ का मैदान और तेंदुओं सहित वन्यजीवों का निवास स्थान है। ”
-एजेंसियां
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