Agra, Uttar pradesh, India. श्री राम मन्दिर निर्माण निधि समर्पण अभियान पूर्ण हो गया। इस दौरान अनेक अनुभव हुए। 94 वर्षीय माताजी ने रामदूतों को घर बुलाकर निधि समर्पित की और ऐसी बात कही कि हर कोई भावुक हो गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मनकामेश्वर नगर में इस तरह की घटना हुई। यहां प्रस्तुत है पूरी घटना।
श्री राम मन्दिर निर्माण निधि समर्पण अभियान मनकामेश्वर नगर में कैम्प का आयोजन किया गया था। उस दिन एक सज्जन आये और अपने परिवार की ओर से 5100/- रुपए का चेक राम मन्दिर निर्माण निधि हेतु समर्पित किया। जाते-जाते उन्होंने कहा कि मेरी माता जी भी इस अभियान में अपना अंशदान करना चाहती है। मैंने एक स्वयंसेवक से कहा कि आप इनके घर जाकर सहयोग ले आना। बात आई गई हो गई।
मेरे मन में प्रतिदिन उन सज्जन की कहीं बात याद आती परन्तु कहीं और सम्पर्क में रहने के कारण उनके घर जाना नहीं हुआ। कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ रहा था परन्तु दिल बैचेन था कि कोई व्यक्ति रह गया है। आज अचानक उन सज्जन की बात याद आ गई। तुरन्त उठा और अपने बड़े भाई सुनील जैन को लेकर उनका घर ढूंढने लगा। उनके घर पहुँच कर पता किया तो एक लड़का आया। जब मैंने उन्हें अपना परिचय दिया और माता जी के बारे में जानकारी की तो उसने कहा यहां कोई माता जी नहीं रहती। मन निराश हो गया। मैंने पुनः कहा एक बार और पता कर लें। फिर वह अन्दर गया और बाहर आकर बोला- आप अन्दर आ जाइए।
हम अन्दर गए तो वही सज्जन मिल गए। उनका नाम पंकज गुप्ता था। उन्होंने अपनी माता जी से मिलवाया। हमने उनके चरण स्पर्श किए तो वह हमारे पैर छूने लगीं। जब हमने रोका तो वह भावुक होकर कहने लगीं- असली रामकाज तो आप लोग कर रहे हैं। मैं अपने सियाराम से रोज यह प्रार्थना कर रही थी कि क्या मेरे राम के मन्दिर में मेरा सहयोग नहीं लगेगा। हम उनके चरणों में बैठ गये और कहा कि आप अपने राम से कह रही थीं और प्रभु श्रीराम मुझसे कह रहे थे। धन्य है माता जी, जो सच्चे मन से प्रभु को ध्याता है, प्रभु हमेशा उनके साथ रहते हैं।
– गौरव जैन, एडवोकेट
नगर कार्यवाह, मनकामेश्वर नगर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, आगरा
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