hitesh bhai

सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर जैन संत बनने जा रहे हितेश भाई, देखें वीडियो

PRESS RELEASE

Agra, Uttar Pradesh, India. शिवपुरी (मध्य प्रदेश) के युवा हितेश भाई जैन संत बनने जा रहे हैं। स्नातक के बाद उन्होंने जैनिज्म में उच्च शिक्षा प्राप्त की। फिर दुबई में अध्यापन कार्य करने लगे। 30 मई, 2021 को वे दीक्षा लेकर जैन संत बन जाएंगे। उनके परिजन भी प्रसन्न हैं कि परिवार का बालक जैन संत बनकर समाज का मार्गदर्शन करेगा। खास बात यह है कि हितेश भाई को दुबई में सवा करोड़ रुपये का पैकेज मिल रहा है। वे इसे छोड़कर जैन साधु बन रहे हैं।

गुरुवर आदर्श रत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज और जैन संत अक्षत सागर महाराज आठ साधु-साध्वियों के साथ विदिशा से विहार करते हुए समाज में धर्म की प्रवाहना कर रहे हैं। उनके साथ एक जैन संत ऐसे भी हैं जिन्होंने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम आजाद के साथ काम किया है। वे अपने गुरु की सेवा में लीन रहते हैं। जैन संतों की यह समूह धर्म की कठिन डगर पर चलने की आसान ट्रिक बताता है। जैन दादाबाड़ी के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करके उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ। दादाबाड़ी का इतिहास हर किसी को धर्म के प्रति दृढ़ रहने के लिए प्रेरित करता है। आदर्श रत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज ने तो चौबीस जिनालय में स्थापित प्रतिमा के सात स्वयं को आत्मसात कर लिया है। इन्हीं जैन साधुओं के साथ हितेश भाई विहार कर रहे हैं। जैन दादाबाड़ी, शाहगंज, आगरा में रुके हुए हैं।

हितेश भाई बताते हैं- युवा अवस्था में हमारी इंद्रियां सचेत रहती हैं, जैन साधु अधिकतम तपस्या करते हैं और इन सबके लिए अच्छी प्रज्ञा और शक्ति चाहिए जो युवा अवस्था में होती है। आठ वर्ष की आयु में भी दीक्षा ले सकते हैं। 10 वर्ष से अध्ययन कर रहा हूँ। जैनिज्म और अन्य धर्मों का अध्ययन किया है। साधु बनकर मेरा लक्ष्य ‘स्व’ की ओर आगे बढ़ना है। जैन साधु बनते हैं तो उसका जीवन गुरु के चरणों में समर्पित होता है। फिर गुरु योग्यता के अनुसार आगे बढ़ाते हैं।

उन्होंने बताया कि मैंने दुबई में भोग-विलास की दुनिया को देखा है, लेकिन भोगा नहीं है, हां अनुभव किया है कि इसमें सच्चा सुख नहीं है। किसी गाड़ी का नया वर्जन आता है तो पुराना वाला दुख का कारण बनता है। संत जो समाज और देश को बदल सकता है, वैसा गृहस्थ नहीं बदल सकता। विवेकानंद ने भारत वर्ष की प्रतिष्ठा को दुनिया के नक्शे पर बदल दिया। जैन संत सिद्धांत पर चलता है और भगवान की आज्ञा का पालन करता है तो पूरे आर्यावर्त का नाम रोशन कर सकता है।