sushuil kumar yadav

राजस्थान में सियासी संकटः राष्ट्रीय वंचित पार्टी के अध्यक्ष सुशील कुमार यादव की कड़ी प्रतिक्रिया, देखें वीडियो

NATIONAL POLITICS

Bhopal (Madhya Pradesh, India)। राष्ट्रीय वंचित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने राजस्थान के सियासी संकट पर गंभीर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना से लोग मर रहे हैं और इन्हें सरकार की चिन्ता पड़ी है।

भाजपा-कांग्रेस को आम आदमी की चिन्ता नहीं

लाइव स्टोरी टाइम को भेजे वीडियो में श्री यादव ने कहा है- पूरा देश या यूं कहें कि पूरी दुनिया कोरोना से भयभीत है। इसके साथ ही बड़ी शर्मनाक बात है कि हमारे देश की दो बड़ी पार्टी एक दूसरे की सरकार गिराने में, एमएलए खरीदने में, सरकार बचाने में पूरी तरह व्यस्त हैं। मतलब इनको आम आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं है। इनको आम आदमी याद आता है चुनाव के दौरान। पहले मध्य प्रदेश में हुआ और राजस्थान में फिर वही हाल चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का ये हाल है।

वंचितों, शोषितों और गरीबों का सिर्फ वोट के लिए उपयोग

श्री यादव ने कहा- कोरोना से मौतें हो रही हैं, आदमी कितना मजबूर है, रोजगार खत्म हो गया, पैसा खत्म हो गया है, बीमारी से मर रहा है, लेकिन इनको इससे कोई मतलब नहीं है। इनको मतलब है सरकार बनाने में और सरकार गिराने में। राष्ट्रीय वंचित पार्टी इन दोनों यानी भाजपा और कांग्रेस का घोर विरोध करती है। वंचितों, दलितों, गरीबों, मजदूरों को इन्होंने मरने के लिए रोड पर छोड़ दिया है। आओ हम मिलकर संघर्ष करें। अपनी ताकत दिखाएं। मध्य प्रदेश के होने वाले चुनाव में इन दोनों दलों की जमानत जब्त करनी है। इन दलों ने हमेशा वंचितों, शोषितों और गरीबों का सिर्फ वोट के लिए उपयोग किया है।

अब शोषितों और वंचितों की सरकार चाहिए

गरीब, वंचितो आगे आओ, आप स्वयं उम्मीदवार बनो। अपने भाइयों को जिताओ। आपके पास पर्याप्त संख्या होगी तो ये आपके घर चलकर आएंगे। अब वंचित अपनी भागीदारी तय करेगा। आज प्रदेश में सरकार बनाओ, कल देश में बनाओ। अब वंचितों की सरकार पूरे देश में बननी चाहिए। इन लोगों का असली चेहरा सामने आ गया है। कोरोना से लोग मर रहे हैं, इलाज की कोई चिन्ता नहीं है। घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। पूरा का पूरा मीडिया सरकार का गुलाम हो गया है। सरकार के इशारों पर नाच रहा है। ऐसे मीडिया का बहिष्कार होना चाहिए। घर-घर जाकर हम अपने वंचितों, शोषितों, मजदूरों को आगे लाएं। सत्ता सुख के लिए इनका दुरुपयोग हुआ है। घर-घर रोजी और रोजगार चाहिए, अब शोषितों और वंचितों की सरकार चाहिए।