नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के लिए ‘भ्रामक दावों’ को लेकर योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पतंजलि से पूछा कि जिन दवाओं के लाइसेंस सस्पेंड किया गया है, उसको दुकान पर बेचने से रोकने और उसको वापस लाने लेकर उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए है? साथ ही कहा कि इसको लेकर एक हलफनामा दायर करें. सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में पतंजलि से इसे लेकर जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की, जिन्होंने रामदेव और बालकृष्ण को अगले आदेश तक पेशी से छूट दे दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा कि रामदेव और बालकृष्ण पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को कहा कि हमारा मकसद बस इतना है कि लोग सतर्क रहें. बाबा रामदेव में लोगों की आस्था है, उसे उन्हें सकारात्मक रूप से इस्तेमाल करना चाहिए. दुनियाभर में योग को लेकर, जो बढ़ावा मिला है उसमें एक योगदान बाबा रामदेव का भी है.
– एजेंसी
- Agra News: चार महीने से महिला का पीछा करने वाले युवक की करतूत CCTV में कैद, पुलिस जुटी तलास में - November 1, 2025
- Agra News: देवउठनी एकादशी पर मंदिरों में गूंजी मंगलध्वनियाँ, तुलसी–शालिग्राम विवाह ने रचा दिव्य उत्सव - November 1, 2025
- Agra News: एनडीआरएफ–एसडीआरएफ की कड़ी मेहनत के बाद भी नहीं बच सका रेहांश, 34 घण्टे बाद 40 फीट गहरे कुएं में मिला शव - November 1, 2025