माउंट आबू से आये राजयोग प्रशिक्षक रूपेश भाई ने कहा, शांति पाने का अचूक मंत्र राजयोग मेडिटेशन

माउंट आबू से आये राजयोग प्रशिक्षक रूपेश भाई ने कहा, शांति पाने का अचूक मंत्र राजयोग मेडिटेशन

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  • ब्रह्मकुमारी आश्रम शास्त्रीपुरम ने उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल के सभागार में मरीजों, तीमारदारों, चिकित्सकों और स्टाॅफ के लिए आध्यात्मिक कार्यशाला की
  • प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि माउंट आबू से आए सीनियर राजयोग प्रशिक्षक एवं मोटिवेशनल स्पीकर बीके रूपेश भाई ने सकारात्मकता के साथ जीना सिखाया

Agra, Uttar Pradesh, India.  ब्रह्मकुमारी शास्त्रपुरम सेवा केंद्र की ओर से मंगलवार को सिकंदरा स्थित उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल के सभागार में आध्यात्मिक कार्यशाला हुई। इसमें राजयोग मेडिटेशन को जीवन जीने की कला बताते हुए राजयोग प्रशिक्षकों और राजयोग प्रशिक्षकों ने जनसमूह को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीना सिखाया।

माउंट आबू से आए प्रजापित ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिध, सीनियर राजयोग प्रशिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर बीके रूपेश भाई ने कहा कि जिसने स्वयं को जान लिया उसने स्वयं को संसार की सेवा में लगा दिया। समस्या यह है कि हम हर जगह पहुुंच गए हैं, हमने सब कुछ अर्जित किया है बस अपने अंतर्मन तक नहीं पहुंच पाए हैं। अंतर्मन तक पहुंचे बिना हम कभी शांति को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि नकारात्कता कहां से आती है, असल में हमने इसका नियंत्रण दूसरों के हाथ में दे रखा है। हम दूसरों के अनुसार ही काम कर रहे हैं, दूसरों के अनुसार ही सोच रहे हैं। हमें इस रिमोट कंट्रोल को बस अपने हाथ में रखना है। इससे हमारी सोच सकारात्मक होगी। हम नकारात्कता को भी सकारात्मकता में बदल सकते हैं।

माउंट आबू से आए बीके सुशील भाई और बीके शैलेंद्र भाई ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति ये है कि हमने सब कुछ प्राप्त कर लिया है फिर भी हमारा मन अशांत है, क्योंकि हम शांति के दाता परमपिता परमेश्वर को ही भूल गए हैं। ब्रह्मकुमारीज के शास्त्रीपुरम सेवा केंद्र कीं प्रभारी बीके मधु बहन ने सुबह और शाम शुभ चिंतन करना सिखाया। कहा कि सुबह उठते ही और रात को सोने से पहले एक बार परमपिता परमेश्वर का स्मरण अवश्य करें।

उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल कीं निदेशक डाॅ. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि कार्यस्थल पर इस तरह की आध्यात्मिक कार्यशालाओं का होना जरूरी है क्योंकि हम काम भी सही तरीके से तब कर सकते हैं जब हम मन से शांत हों।

निदेशक डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में समय-समय पर आध्यात्मिक कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। यह जरूरी है क्योंकि विज्ञान और आध्यात्म के मिश्रण से ही जीवन को सुखद बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डाॅ. आरसी मिश्रा, डाॅ. सरोज सिंह, डाॅ. सुधा बंसल, डाॅ. शशि गुप्ता, रीजनल बिजनेस हैड वेस्टर्न यूपी उजाला सिग्नस हेल्थकेयर दिव्य प्रशांत बजाज, डाॅ. राजीव लोचन शर्मा, डाॅ. मनप्रीत शर्मा, डाॅ. शैमी बंसल, डाॅ. शैली गुप्ता, महाप्रबंधक राकेश आहूजा, डाॅ. अनीता आदि उपस्थित थे।

Dr. Bhanu Pratap Singh