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‘समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर’ विषय पर मीडिया महासम्मेलन शुरू, राजस्थान के मंत्री ने की मार्मिक अपील

RELIGION/ CULTURE

मीडिया समस्या के साथ समस्याओं का उचित समाधान भी पेश करे: महेन्द्र चौधरी
चार दिवसीय 26वें राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन का विधिवत शुभारंभ

Abu road, Rajasthan, India. ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मीडिया विंग द्वारा शांतिवन में आयोजित चार दिवसीय 26वें राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन का मंगलवार को विधिवत शुभारंभ किया गया। दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण थीम के तहत समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर यह महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। प्रभारी मंत्री और राजस्थान विधानसभा के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, आईआईएमसी दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी और अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी सहित वक्ताओं ने दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया। अन्य वक्ताओं में शामिल आगरा के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह एवं अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित किया। आगरा से सुनयन शर्मा, लाखन सिंह बघेल, महेश धाकड़, सज्जन सागर, सूरज तिवारी, सुरेश चंद्र शर्मा आदि भाग ले रहे हैं।

 

पत्रकारों का समाज में बड़ा रोल
देशभर से पधारे 1500 से अधिक मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सिरोही के प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी ने कहा कि पत्रकारों का समाज में बड़ा रोल और भूमिका होती है। दुनिया की कोई भी समस्या हो उसका समाधान जरूर होता है। आज समस्या से घिरे समाज में ध्यान बहुत जरूरी है। इसमें भी खास मीडियाकर्मियों के लिए ध्यान जरूरी है। मास मीडिया से अपेक्षा है कि समाज की जटिल समस्याओं के समाधान के लिए पहल करें। एक पत्रकार समाज का जिम्मेदार नागरिक होता है। मीडिया को लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन, सामाजिक समस्याओं को उजागर  करने की जरूरत है। मेरा मीडिया के साथियों से आह्नान है कि समस्या के साथ समस्याओं का उचित समाधान भी समाज के समक्ष पेश करें। गायों में अभी राजस्थान में लंपी वायरस की बीमारी फैल रही है, आप उसके लिए भी कुछ सामाजिक कार्य करें।

dr bhanu pratap singh journalist agra in mount abu
आगरा से आए वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर मीडिया महासम्मेलन का शुभारंभ किया। वे वक्ता के रूप में भाग ले रहे हैं।

यहां आकर शक्ति का अनुभव होता है
मंत्री चौधरी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान में आकर अलौकिक शक्ति का अनुभव होता है। देश में कई संस्थानों में जाना हुआ, कई कार्यक्रमों में भाग लिया लेकिन यहां के पवित्र वातावरण में आकर पवित्रता का अनुभव और मन को शांति मिलती है। वर्ष 1937 में बहुत ही छोटे स्तर पर संस्थान की नींव रखी गई थी और अपनी 86 वर्षों की यात्रा में आज विश्व के 140 देशों में पांच हजार सेवाकेंद्रों से राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्म का संदेश दिया जा रहा है जो प्रसन्नता की बात है। आध्यात्म का यह मार्ग आज लोगों में बदलाव का केंद्रबिंदु बन गया है। यहां आज पचास हजार ब्रह्माकुमारी बहनें तन-मन-धन से समर्पित रूप से सेवाएं दे रही हैं जो हर्ष का विषय है। यहां के 20 लाख विद्यार्थी हैं जो राजयोग ध्यान करते हैं। संस्थान के माध्यम से नारी शक्ति ने यह साबित कर दिया है कि नारी अबला नहीं सबला है। दुनिया का यह एकमात्र नारी शक्ति द्वारा संचालित संगठन है।


निमित्त-निर्माण भाव से समाज को दिशा दें
मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि परमात्मा के घर में देशभर से पधारे सभी मीडिया के भाई-बहनों का स्वागत है। सभी को ईश्वरीय और परमात्म संदेश देने के संदेशवाहक आप सभी मीडिया के भाई-बहनें हैं। निमित्त और निर्माण भाव से समाज को नई दिशा देने की सेवा करते रहें। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका न्यूयॉर्क से राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि शिव बाबा ने प्रजापिता ब्रह्मा के द्वारा स्वर्णिम भारत का दृश्य दिखाया। ब्रह्मा बाबा ने दिव्य साक्षात्कार किए। हर एक मानव जहां देव समान था। आप सभी मीडियावालों के साथ प्रभु वरदान और आशीर्वाद है। स्वर्णिम भारत लाने में आपका ही योगदान रहेगा। स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा।

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मीडिया महासम्मेलन के प्रतिभागी।

गलत सूचनाएं रोकने शुरू किया मीडिया साक्षरता शिक्षा
आईआईएमसी, दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज 99 फीसदी खबरें सोशल मीडिया से आ रही हैं। इससे बड़ा झंझावत पैदा हो गया है। समाज और सरकार दोनों पशोवेश में हैं कि किस खबर को सही मानें और किसे नहीं। इतने सारे यूट्यूब और मीडिया हो गए हैं कि कोई भी खबर प्रोसेस होकर नहीं पहुंच रही है। सिर्फ सूचना ही पाठकों-दर्शकों तक पहुंच रही है। पहले हर खबर समाज तक एक प्रोसेस के तहत पहुंचती थी। सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है और सूचना दी जा रही है उसे भी मुख्य धारा के पत्रकारों का काम समझा जा रहा है जबकि दोनों अलग हैं। खबर और समाचार वह है जो आपको प्रोसेस करके दिया जा रहा है। खबर जब लिखी जाएगी तो उसे कोई एडिटर या पत्रकार ही बनाएगा जबकि सूचना कोई भी दे सकता है। सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है उसे पत्रकारों का अपराध न माना जाए।  सूचनाएं बहुत आ रहीं हैं इसलिए हमें संभल पर सूचनाएं प्राप्त करने होगी। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए हमने मीडिया साक्षरता शिक्षा अभियान शुरू किया है। आज मोबाइल सबकुछ रिकार्ड कर रहा है। हमारा चलना, देखना, बोलना, इसलिए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। हमें जो भी करना है उसे ग्लोबल स्तर से करना है इससे वैश्कि छवि बनती और बिगड़ती है।

अपने शब्दों-वाणी, समाचार से समाज को दें पॉजीटिव एनर्जी
अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने कहा कि सभी मीडिया के भाई-बहन सबसे पहले स्व परिवर्तन करें। अपनी आंतरिक स्थिति की चैकिंग करें। यदि हमें सारा दिन, 18 घंटे खुशी, संतुष्टता और प्रसन्नता के साथ काम करना है तो रोज सुबह आधा घंटा अपनी आत्मा रूपी बैटरी को चार्ज जरूर करें। आज हम सारा दिन शरीर के लिए तो सब कर रहे। भोजन, व्यायाम आदि लेकिन जो शरीर को चलाने वाली दिव्य शक्ति है, ऊर्जा है उसका ही ध्यान नहीं रखते हैं। आपके एक शब्द से लाखों लोगों की मानसिक स्थिति बढ़ जाती है और नीचे आ जाती है। इसलिए सभी यहां से संकल्प लेकर जाएं कि अपने शब्दों और वाणी से समाज को पॉजीटिव एनर्जी देंगे। संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, मल्टीमीडिया निदेशक बीके करुणा, जूरिस्ट विंग की उपाध्यक्ष बीके पुष्पा, टीवी एक्टर गुंजर उतरेजा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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प्रतिभागी

मूल्यनिष्ठ मीडिया ही देगा समाज को दिशा
बैंगलुरु से आए एमरीटस के संस्थापक और पीआरसीआई के एमबी जयराम ने कहा कि  ब्रह्माकुमारीज ने मीडिया सम्मेलन का विषय बहुत ही प्रांसगिक रखा है आज मीडिया को इस पर काम करने की जरूरत है। रायपुर से पधारे केटी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति मानसिंह परमार ने कहा कि यहां आकर नई ऊर्जा मिलती है। मूल्यनिष्ठ मीडिया ही समाज को नई दिशा दे सकता है। पीआरओ बीके कोमल ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आप सभी यहां के पवित्र और शुद्ध वातावरण का आप सभी लाभ उठाएं और यहां से कुछ अनुभूति करके जाएं। आध्यात्मिक गायक बीके युगरतन ने गीत प्रस्तुत किया। बैंगलुरु की बालिकाओं ने नृत्य पेश किया। संचालन जयपुर जोनल को-ऑर्डिनेटर बीके चंद्रकला ने किया।

Dr. Bhanu Pratap Singh