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श्रद्धालुओं के लिए खुला प्रेम मंदिर, पढ़िए क्यों है प्रसिद्ध

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Mathura, Uttar Pradesh, India. करीब आठ महीने से रोजी-रोटी का संकट झेल रहे स्थानीय दुकानदार और दूसरे कारोबारियों को रहात मिली है। करीब आठ महीने श्रद्धालुओं के लिए बंद रहने के बाद वृंदावन का प्रेम मंदिर बुधवार से खुल गया।

ठाकुर बांकेबिहारी और दूसरे मंदिर खुलने के बावजूद दुकानदार और धार्मिक पर्यटन पर आश्रित दूसरे कारोबारियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही थीं। लोगों को प्रेम मंदिर सहित दूसरे आधुनिक मंदिरों के खुलने का इंतजार था। मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी अजय त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत मंदिर में भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं। पहले दिन दर्शन के लिए कम संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे। इस मंदिर की कलात्मकता और भव्यता देखते ही बनती है। वृंदावन में प्रेम मंदिर धार्मिक पर्यटन का बड़ा केन्द्र बन चुका है।


 प्रशासन की गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा।प्रेम मंदिर की भव्यता और कलात्मकता देखते ही बनती है। मंदिर परिसर में बगीचे, फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाएं दिखाई गई हैं। लॉकडाउन से पहले यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे।

प्रेम मंदिर का उद्घाटन 15-17 फरवरी, 2012 को जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ था। लगभग 30,000 टन इटैलियन संगमरमरों और विशेष कूका रोबोटिक मशीनों द्वारा नक्काशीकृत इस भव्य मंदिर के अधिष्ठात्र भगवान श्रीकृष्ण एवं अधिष्ठात्री देवी राधारानी हैं। लगभग 50 एकड़ भूमि में बना यह अद्वितीय मंदिर मनोरम बगीचों एवं फव्वारों से घिरा है, जहां शाम के वक्त लाइटिंग देखने का अहसास अत्यंत अद्भुत है। 1008 ब्रजलीलाओं के साथ ही भारतवर्ष की प्राचीन समृद्ध इतिहास को अत्यंत खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। मंदिर के सामने लगभग 73,000 वर्ग फीट, मीनार-रहित तथा गुंबदनुमा बने यहां के सत्संग हॉल में लगभग 25,000 लोग एक साथ जमा हो सकते हैं।