मायावती की भाजपा सराहना पर सियासत गरमाई, सपा सांसद बोले—बसपा अब ‘बी टीम’ बन गई है

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में अपना शक्ति प्रदर्शन किया। कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ी संख्या में जुटे समर्थकों के सामने सपा, कांग्रेस और भाजपा — तीनों दलों पर निशाना साधा, लेकिन खास तौर पर समाजवादी पार्टी पर सबसे तीखा हमला बोला।

मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि समाजवादी पार्टी को सत्ता में रहते हुए न तो PDA (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) की याद आती है और न ही कांशीराम जी की। लेकिन जैसे ही वे सत्ता से बाहर होते हैं, उन्हें कांशीराम जी की जयंती और पुण्यतिथि की याद आने लगती है। उन्होंने अखिलेश यादव से सवाल पूछा, “जब हमारी सरकार ने अलीगढ़ मंडल में ‘कासगंज’ जिले का नाम बदलकर ‘कांशीराम नगर’ किया था, तो सपा की सरकार ने सत्ता में आते ही उसका नाम क्यों बदल दिया?”

मायावती ने सपा पर “दोहरा चरित्र” अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा ने सत्ता में रहते हुए कांशीराम जी के नाम पर शुरू की गई योजनाओं और संस्थानों को बंद कर दिया।

इसके साथ ही मायावती ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने बसपा सरकार के समय बने स्मारकों और पार्कों के रखरखाव से जुड़े मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि टिकटों से मिलने वाले राजस्व का उपयोग इन स्थलों के रखरखाव में किया जाए। मौजूदा सरकार ने इस पर ध्यान दिया और कार्रवाई की, इसलिए हम भाजपा सरकार के प्रति आभारी हैं।”

मायावती के इस बयान पर अब सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी ने बसपा प्रमुख के भाजपा की प्रशंसा करने पर पलटवार किया है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा, “मायावती को समाजवादी पार्टी पर हमला करने की बजाय समाज की समस्याओं पर संघर्ष करना चाहिए। आज पूरे प्रदेश में संदेश है कि बसपा भाजपा की ‘बी टीम’ बन चुकी है। उन्हें सुविधावादी राजनीति छोड़कर दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष का रास्ता अपनाना चाहिए। आने वाला भविष्य संघर्ष से ही तय होगा।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती के इस रुख से बसपा के रुझान को लेकर नए समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं। जहां बसपा भाजपा से टकराव से बचती दिख रही है, वहीं सपा लगातार बसपा पर “भाजपा की सहयोगी बनने” का आरोप लगा रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh