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अलका अग्रवाल ने शब्दों का ‘इन्द्रधनुष’ बनाया, जरूर पढ़िए

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. ताजनगरी की सुपरिचित कवयित्री एवं शिक्षिका अलका अग्रवाल के त तृतीय काव्य संग्रह “इंद्रधनुष” का लोकार्पण आगरा राइटर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को संजय प्लेस स्थित यूथ हॉस्टल में शहर के प्रमुख साहित्यकारों द्वारा किया गया।

70 काव्य रचनाओं के अनूठे काव्य संग्रह की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रेखा कक्कड़ ने कहा कि इंद्रधनुष जीवन के सप्तरंगी यथार्थ, विचार और कल्पना की सुंदर अभिव्यक्ति है। शैल अग्रवाल ‘शैलजा’ कहा कि इंद्रधनुष भावों और शब्दों का आकर्षक संयोजन है। विशिष्ट अतिथि और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने कहा कि अलका अग्रवाल की कविताओं में स्त्री मन के विविध भावों का सजीव चित्रण किया गया है।

 इस अवसर पर लोकार्पित कृति की रचनाकार अलका अग्रवाल ने कहा कि लेखन न केवल लेखक के जीवन को सकारात्मक बनाता है बल्कि वह पाठक को भी अपने रंग में रंग लेता है। उन्होंने काव्य सृजन के दर्शन को इन पंक्तियों के साथ रेखांकित किया- “लिखना है तो लिख ऐसा, पृष्ठ ना कोरा रह जाए। हर समस्या हल हो जाए, प्रश्न न थोड़ा रह जाए।”

समारोह की अध्यक्षता व्यंग्यकार अरविंद तिवारी ने की। वरिष्ठ शायर डॉ. त्रिमोहन तरल मुख्य अतिथि रहे। पूर्व जिला जज एसएस यादव, डॉ. अशोक विज, वरिष्ठ कवि रमेश पंडित, मृदुलता मंगल और सुरेंद्र वर्मा सजग विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचस्थ रहे।

कार्यक्रम का संचालन आगरा राइटर्स एसोसिएशन के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. अनिल उपाध्याय ने किया। संगीता अग्रवाल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। नवीन मंगल ने आभार व्यक्त किया। कुमार ललित मीडिया समन्वयक रहे। इस दौरान रमा वर्मा, वाईएस यादव, अटल राम चतुर्वेदी, यशोधरा यादव यशो, भरत दीप माथुर, मानसिंह मनहर, पूनम भार्गव जाकिर, भावना दीपक मेहरा, निकिता श्रीवास्तव, डॉक्टर नीतू चौधरी, पवित्रा अग्रवाल, वीना अब्राहम, रीता शर्मा, साधना वैद, राज चौहान, हरविंदर पाल, ललिता करमचंदानी और नवीन वशिष्ठ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।