नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन प्रसारित मामले में आज मंगलवार (16 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि आपकी बहुत गरिमा है. आपने काफी कुछ किया है.
वहीं, दोनों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम सार्वजनिक माफी के लिए तैयार हैं ताकि लोगों को भी जानकारी मिले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर गंभीर हैं. इस पर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इसके लिए आपको हमारी सलाह की ज़रूरत नहीं.
जस्टिस कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि आपने जो कोर्ट के खिलाफ किया है क्या वो सही है? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि जज साहिबा, हमें इतना कहना है कि जो भी हमसे भूल हुई है उसके लिए हमने बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है.
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से पूछा, कोर्ट की अवमानना क्यों की?
जस्टिस कोहली ने कहा कि यह तो आपके वकील ने कहा है. हम जानना चाहते हैं कि आपने अंडरटेकिंग के अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस क्या सोच कर की. हमारे देश में आयुर्वेद बहुत प्राचीन है. महर्षि चरक के समय से है. दादी नानी भी घरेलू इलाज करती हैं. आप दूसरी पद्धतियों को बुरा क्यों बताते हैं. क्या एक ही पद्धति रहनी चाहिए. इस बाबा रामदेव ने कहा कि हमने आयुर्वेद पर बहुत रिसर्च किया है. तो जज ने कहा कि यह ठीक है. आप अपने रिसर्च के आधार पर कानूनी आधार पर आगे बढ़ सकते हैं लेकिन हम जानना चाहते हैं कि आपने इस कोर्ट की अवहेलना क्यों की?
बाबा रामदेव ने कहा- हमें कानून की जानकारी कम है
इस पर बाबा रामेदव ने कहा कि हमें कानून का ज्ञान कम है. हम सिर्फ अपने रिसर्च की जानकारी लोगों को दे रहे थे. कोर्ट की अवहेलना का उद्देश्य नहीं था. फिर जज ने कहा कि आप लाइलाज बीमारियों की दवा का दावा करते हैं. कानूनन ऐसी बीमारियों की दवा का प्रचार नहीं होता. अगर आपने दवा बनाई तो कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक उसे सरकार को बताते, उस पर आगे काम होता. इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हम उत्साह में अपनी दवा की लोगों को जानकारी दे रहे थे. यहां कोर्ट में इस तरह खड़ा होना मेरे लिए भी अशोभनीय है. हम भविष्य में पालन करेंगे.
आप अच्छा काम कर रहे हैं, करते रहिए लेकिन…
जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आपको एलोपैथी को बुरा कहने की ज़रूरत नहीं थी. आप अच्छा काम कर रहे हैं. उसे करिए. दूसरों पर क्यों कुछ कहना. इस पर बबा रामदेव ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद का संघर्ष लंबा है. हम भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे.
जस्टिस कोहली ने कहा कि हम यह नहीं मान सकते कि आपके वकीलों के कोर्ट में अंडरटेकिंग दाखिल करने के बाद भी आपको कानून का पता नहीं चल पाया. इसलिए हम यह देखेंगे कि आपके माफीनामे को हम स्वीकार करें या नहीं. इस पर बालकृष्ण ने कहा कि श्रद्धेय स्वामीजी का पतंजलि के काम से संबंध नहीं है. तो जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि यह आप बहस कर रहे हैं. माफी मांगने के बाद बहस स्वीकार नहीं. वहीं, बाबा रामदेव ने कहा कि मैं यही कहना चाहता हूं कि हम अपनी गलती के लिए क्षमा चाहते हैं.
अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने कहा कि 1 सप्ताह का समय दीजिए. इस बीच हम ज़रूरी कदम उठाएंगे. इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि ठीक है. हम 23 अप्रैल को सुनवाई करेंगे, अवमानना के आरोपियों ने खुद कुछ कदम उठाने की बात कही है. हम इसका अवसर दे रहे हैं.
– एजेंसी
- Agra News: जिलाधिकारी ने किया उर्वरक गोदामों का औचक निरीक्षण, खाद वितरण में पारदर्शिता के दिए सख्त निर्देश - September 19, 2025
- Agra News: जिलाधिकारी ने की उर्वरक वितरण व्यवस्था की समीक्षा, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दिए कड़े निर्देश - September 19, 2025
- जतस्या ध्रुवम मरणम: सीरत कपूर को मिला JD चक्रवर्ती का साथ और सराहना - September 19, 2025