dr raj kumar gupta

1977 में स्थापित नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के बारे में आप कितना जानते हैं, पढ़िए रोचक जानकारी

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Agra, Uttar Pradesh, India. नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) National Medicose Organization NMO का 44 वां स्थापना दिवस National Medicose Organization Foundation Day राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस National Health Day के रूप में मनाया गया। विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों को आरोग्य मित्र के रूप में देश के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचने की अपील की गई। इस दौरान एनएमओ के बारे में रोचक जानकारी दी गई।

1977 में बनारस में हुई थी स्थापना

वर्चुअल मीटिंग में  नेशनल मेडिकोज आर्गेनाईजेशन के संस्थापक डॉ. धनाकर ठाकुर ने एनएमओ के स्थापना के मूल उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की। यह बताया कि एनएमओ की स्थापना 5 नवंबर 1977 को बनारस में की गई थी। उस समय वह एमबीबीएस फोर्थ ईयर (आज के सातवें सेमेस्टर) के छात्र थे। एनएमओ की स्थापना में गोविंदाचार्य का भी बहुमूल्य योगदान है क्योंकि सर्वप्रथम धनाकर ठाकुर ने मेडिकोज के लिए एक अलग संगठन बनाने की बात गोविंदाचार्य से ही सात अगस्त, 1977 को की थी ।5 नवम्बर, 1977 को वाराणसी में 18 मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को बैठक हुई। इसमें  नेशनल मेडिकोज एसोसिएशन नाम का सुझाव डॉ. शांति प्रकाश द्वारा ही दिया गया था। आल इंडिया मेडिकोज आर्गेनाइजेशन का भी सुझाव आया। दोनों को जोड़कर नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन स्वीकार किया गया।

एक ही लक्ष्य

नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी स्थापना के बाद ही आंध्र प्रदेश में आए साइक्लोन में अपना योगदान दिया। भोपाल गैस त्रासदी के समय भी एनएमओ दरभंगा यूनिट के द्वारा भोपाल के हमीदिया अस्पताल को भी सुचारु रूप से चलाया गया। एनएमओ ने देश के नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों, झारखंड में समय-समय पर मेडिकल कैम्प लगाकर वहां लोगों की सेवा की है। एनएमओ ने  देश में हर आपदा के समय अपना दायित्व भली-भांति निभाया है, चाहे वह देश के विभिन्न भागों में आने वाली बाढ़ हो या गुजरात भूकंप हो या कोई अन्य आपदाएं। एनएमओ का एक ही लक्ष्य अपनी स्थापना से रहा है राष्ट्र सेवा और स्वास्थ्य सेवा, जिसको एनएमओ विगत 43 वर्षों से निभाता रहा है।

चिकित्सा पद्धतियों की खिचड़ी बनाई जा रही

आज के वर्तमान दौर में कोरोनावायरस के कारण देश में 580  चिकित्सकों ने कोरोनावायरस के कारण अपने दायित्व को निभाते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। ये कोविड के शुरुआत के दौर में हमारे देश में सरकारों ने एक तरफ तो हम लोगों को कोरोना वॉरियर का दर्जा दिया और हवाई जहाजों के माध्यम से पुष्प की वर्षा की गई, लेकिन  चिकित्सकों को सही समय पर वेतन नहीं दिया गया जिसके कारण चिकित्सकों को अपने वेतन के लिए हड़ताल भी करनी पड़ी। वर्तमान दौर में मेडिकल शिक्षा एक संक्रमण के दौर से गुजर रही है। मेडिकल शिक्षा का निजीकरण हो रहा है एवं गुणवत्ता का स्तर भी नीचे जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार विभिन्न पद्धतियों को एक साथ मिलाकर एक खिचड़ी बना रही है जिसका दूरगामी खतरनाक परिणाम हमारे देश की जनता को भविष्य में उठाना होगा।

दुर्गम स्थानों पर जाएं चिकित्सक

इसके उपरांत डॉ. हर्ष कुशवाहा, आगरा, संयुक्त सचिव ने कहा कि आज के दौर में हमें देश के दुर्गम स्थानों में जाना चाहिए। चिकित्सा सेवा कैंप के माध्यम से सेवा करनी चाहिए। हमें विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से देश के मेडिकल एवं डेंटल छात्रों को एनएमओ से जोड़ना चाहिए। बैठक में डॉ. अभिषेक गर्ग ( दिल्ली) ने कहा कि हमें नए मेडिकल एवं डेंटल स्टूडेंट्स को एनएमओ से जोड़ना चाहिए। संचालन उपाध्यक्ष एनएमओ डॉ. राजुकमार गुप्ता (हृदय रोग विशेषज्ञ, आगरा) ने किया।

कार्डियक हेल्थ पर चर्चा

डॉ. राजकुमार गुप्ता उपाध्यक्ष एनएमओ ने बताया कि फाउंडेशन डे के उपलक्ष में एकेडमिक सेशन का भी आयोजन किया गया। पहले सत्र का विषय न्यू नॉरमल इन कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ था। मुख्य वक्ता डॉ. राजकुमार गुप्ता ने कोविड कोविड-19 का कार्डियक हेल्थ पर होने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की एवं Ticagrelor 90 ड्रग के बारे में जानकारी दी।

कोविड-19 के इलाज में दवा

दूसरे सत्र का विषय था – Role of Favipiravir in the  Management of Mild to Moderate Covid-19। इसके बारे में डॉ. राजकुमार गुप्ता ने विस्तार से चर्चा की। कोविड-19 के लक्षणों के विषय में बताया गया। साथ ही प्रोफाइलेक्टिव ड्रग हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के इंडिकेशन कंट्राइंडिकेशन के बारे में चर्चा की गई। इस बात पर भी जोर दिया गया कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के  साइड इफेक्ट को ध्यान में रखकर ही इस दवा का उपयोग प्रोफाइलेक्सेस के रूप में किया जाये। Favipiravir ड्रग माइल्ड और मॉडरेट कोविड-19 के इलाज में महत्वपूर्ण मेडिसिन है। डॉ. राजकुमार गुप्ता ने Favipiravir मेडिसिन के बारे में विस्तार से चर्चा की।

साइकिलिंग से होते हैं कई रोग दूर

डॉ. अनिल (मेरठ)  द्वारा साइकिलिंग एवं इसके स्वास्थ्य के ऊपर प्रभाव पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि साइकिलिंग के द्वारा अनिद्रा, मोटापा और तनाव को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने चिकित्सक समुदाय के लोगों को साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करना होगा क्योंकि जब तक चिकित्सक ही स्वस्थ नहीं रहेंगे तो वह अपने दायित्वों का सही प्रकार से निर्वहन नहीं कर सकते हैं।

प्रयागराज में लगाया स्वास्थ्य शिविर

एनएमओ के फाउंडेशन डे के उपलक्ष में प्रयागराज यूनिट द्वारा डॉक्टर ए पी सिंह एवं डॉ जेपी यादव के नेतृत्व में फ्री हेल्थ चेकअप कैम्प का आयोजन किया ग,या जिसमें मरीजों को निशुल्क दवा भी दी गई। कैंप के उपरांत गरीब एवं असहाय लोगों को कंबल एवं फल वितरित किए गए। बैठक के अंत में डॉक्टर प्रकाश कुमार पांडेय ( हजारीबाग), सचिव एनएमओ ने एनएमओ फाउंडर डॉ. धनाकर ठाकुर, डॉ. राजकुमार गुप्ता, डॉ. हर्ष कुशवाहा, डॉ. अभिषेक गर्ग, डॉक्टर सौरभ उपाध्याय (जौनपुर), डॉ. कृतांत सिंह (अयोध्या), मोहित सिंह (मोतिहारी), डॉक्टर एपी सिंह,  डॉ. जेपी यादव (प्रयागराज), डॉ. फैराज हसन, (गुलबर्गा) को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि डॉ. धनाकर ठाकुर ने जिन आदर्शों एवं मूल्यों को लेकर एनएमओ की स्थापना की है, हम सभी का यह दायित्व है कि हम उन मूल्यों एवं आदर्शों को अपने जीवन में चरितार्थ करें। देश सेवा एवं राष्ट्र सेवा की भावना से अपने दायित्वों का निर्वाह करें।