मुकेश अंबानी भी अब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड मार्केट में उतरे

मुकेश अंबानी भी अब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड मार्केट में उतरे

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भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी भी अब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड मार्केट में कूद पड़े हैं। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसके लिए लक्जमबर्ग की कंपनी एसईएस SES के साथ जॉइंट वेंचर बनाया है। इसे जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड नाम दिया गया है। इसमें जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
यह कंपनी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए भारत में अगली पीढ़ी की ब्रॉडबैंड सेवाएं देगी। इसके साथ ही रिलायंस ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेगमेंट में एंट्री मारी है यहां उसका मुकाबला भारती ग्रुप के निवेश वाली OneWeb, एलन मस्क की Starlink, ऐमजॉन की Project Kuiper और टाटा-टेलिसैट से होगा। जियो ने एक बयान में कहा कि कंपनी देश में सेवाएं देने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का व्यापक विकास करेगी।
क्या होगा फायदा
जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक बयान में बताया कि नया जॉइंट वेंचर देश भर में सैटेलाइट बेस्ड टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल कर किफायती ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करेगा। जियो प्लेटफॉर्म्स और SES के पास संयुक्त उद्यम में क्रमशः 51% और 49% इक्विटी हिस्सेदारी होगी। संयुक्त उद्यम मल्टी-ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का उपयोग करेगा। इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी (जीईओ) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (एमईओ) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। नेटवर्क के मल्टी-गीगाबिट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों के उद्यम, मोबाइल और खुदरा ग्राहक भी जुड़े सकेंगे।
एसईएस 100 जीबीपीएस क्षमता उपलब्ध कराएगा। जिसको जियो अपने मजबूत सेल्स नेटवर्क से बेचेगा। निवेश योजना के हिस्से के रूप में, संयुक्त उद्यम देश के भीतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत में व्यापक गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा। इस डील के तहत जियो अगले कुछ वर्षों में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गेटवे और उपकरण खरीदेगा। संयुक्त उद्यम में जहां SES अपने मॉडर्न सैटेलाइट देगा वहीं जियो, गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन व प्रबंधन करेगा।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh