जयकारों के साथ परमात्मा की वरघोड़ा यात्रा निकाली, पालने में भी झुलाया
स्वयं के चौकीदार बनें, दूसरों की चौकीदारी से कुछ नहीं मिलताः शशिप्रभा महाराज
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Agra, Uttar Pradesh, India. जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ के तत्वाधान में भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव शशि प्रभा जी महाराज साहब की निश्रा में दादाबाड़ी में धूमधाम से मनाया गया। वर्धमान महावीर स्वामी मंदिर में राजेंद्र सूरि महिला मंडल की सदस्यों ने पंच कल्याणक पूजा बढ़ाई। परमात्मा को जन्म के साथ पालने में झुलाया तो मंदिर का प्रांगण जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं को महावीर स्वामी के जन्म की अनुभूति हुई।
जन्मकल्याणक महोत्सव के अंतर्गत तीन कार्यक्रम हुए। सबसे पहले भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा के साथ वरघोड़ा यात्रा निकाली गई। परमात्मा की जयकार के साथ रथ भक्तों ने खींचा। इस दौरान श्रद्धालु भगवान महावीर के जन्म की खुशी में नृत्य कर रहे थे। चँवर ढुलाया जा रहा था। बैंडबाजे मधुर ध्वनि बिखेर रहे थे।
साध्वी शशि प्रभा जी महाराज साहब ने प्रवचन में कहा कि मरण दो प्रकार के होते हैं- द्रव्य मरण और भाव मरण। आत्मा का शरीर को छोड़ कर चले जाना द्रव्य मरण है जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। दूसरों की चौकीदारी करना भाव मरण है। इसका मतलब है स्वयं को सुधारने की बजाय दूसरों को सुधारने में लगना। जरूरत इस बात की है कि हम स्वयं के चौकीदार बनें, दूसरों की चौकीदारी करने से कुछ नहीं मिलता। अपने कुविचारों और अपने कुकर्मों का अवलोकन करें।
श्री संघ के मुख्य संरक्षक राजकुमार जैन ने सभी को परमात्मा के जन्म कल्याणक की बधाई दी। उन्होंने कहा कि परमात्मा महावीर के सिद्धांत आज भी प्रसांगिक है। उनके सिद्धांतों को अपनाया जाए तो विश्व में शांति का राज स्थापित हो जाएगा। दुष्यंत जैन एवं श्री संघ अध्यक्ष महेंद्र जैन ने भी अपने विचार रखे। बाहर से आए हुए श्रावक और श्राविकाओं का सम्मान किया। अंत में पंच कल्याणक पूजा की गई। कार्यक्रम का आयोजन राजेन्द्र सूरि महिला मंडल और श्रीसंघ ने किया।
इस मौके पर केके कोठारी, शरद चौरड़िया, सुनील कुमार जैन, राजेन्द्र धारीवाल, दिनेश चौरड़िया, संजय दूगड़, पारस चपलावत, विकास, अजय, सचिन, अशोक ललनवानी, अर्पित वैद, प्रकाश वैद, अशोक कोठारी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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