Mathura, Uttar Pradesh, India. मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पक्षकार शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से लगाये गये आब्जेक्शन पर सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी।
कृष्ण जन्मभूमि विवाद में पक्षकार शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से सात जनवरी को आॅब्जेक्शन दायर किया गया था। सिविल कोर्ट में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर सात जनवरी को करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई थी। इस दौरान श्रीकृष्ण विराजमान द्वारा पक्षकार बनाए गए, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा, श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ताओं द्वारा अपना पक्ष रखा गया।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के खेवट कटरा केशवदेव की 13.37 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण विराजमान और रंजना अग्निहोत्री एवं अन्य की ओर से दावा किया गया है। दावे में जमीन पर अपना अधिकार बताया गया है। इसे लेकर रंजना अग्निहोत्री आदि ने कहा है कि 1967 में हुए सिविल मुकदमा और उससे संबंधित डिक्री (न्यायिक निर्णय) को रद्द किया जाए।
7 जनवरी को जिला जज यशकांत मिश्रा की अदालत में प्रतिपक्ष के रूप में शाही ईदगाह के सचिव तनवीर अहमद एडवोकेट ने अपना पक्ष रखा था। उन्होंने अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि प्रकीर्ण वाद होने के कारण अपील मेंटेनेबिल (अनुरक्षणीय) नहीं है। इस प्रार्थनापत्र पर अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव और उनके साथ मौजूद अधिवक्ताओं को सुना था। इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जनवरी तय की गई थी। कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा द्वारा श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को नॉन मेंटेनेबल बताये जाने पर श्रीकृष्ण विराजमान पक्ष द्वारा याचिका के स्वीकार करने की बात कहते हुए ईदगाह पक्ष के नॉन मेंटनेबल के दावे को गलत बताया था। कोर्ट ईदगाह मस्जिद मथुरा के दायर ऑब्जेक्शन को पढ़ने के बाद अपना फैसला सुनाएगा।
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