बघेल अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
आगरा। यहां के सांसद और केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। केंद्र सरकार के एक बड़े निर्णय के तहत आज गुरुवार को कानून मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री दोनों के विभाग बदल दिए गए। कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी वापस उन्हें पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भेजा गया है। इसे रिजिजू के डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं प्रो. बघेल का राज्य मंत्री का दर्जा बरकरार रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा गया है। बघेल को महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपकर सरकार ने उन पर पहले से ज्यादा भरोसा जताया है।
रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। मेघवाल को कानून और न्याय मंत्रालय का राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी किरेन रिजिजू के कामकाज से खुश नहीं थे। किरेन रिजिजू से कानून मंत्री की कुर्सी छीनने की पहले कोई चर्चा नहीं थी, ये फैसला अचानक हुआ।
प्रो. एसपी सिंह बघेल (पूरा नाम सत्यपाल सिंह बघेल) उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं। इटावा में रहे हैं। बघेल अपनी कर्मभूमि बदलते रहे हैं और उनकी जाति को लेकर भी विवाद है। वह फिरोजाबाद की जलेसर सीट से पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद फिरोजबाद से सांसद रहने के बाद आगरा को अपनी कर्मभूमि बना लिया।
रिजिजू से पहले जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद को भी इसी तरह कानून मंत्रालय से हटा दिया गया था। कानून मंत्री के तौर पर रिजिजू जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहे थे। इससे न्यायपालिका बनाम सरकार जैसी स्थिति बनी और सरकार को असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ा था। रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति वाले कोलीजियम सिस्टम पर सार्वजनिक तौर पर कई बार तीखे हमले किए थे। उन्होंने इस प्रणाली को ‘अपारदर्शी’ करार दिया था। माना जा रहा है कि इसी के चलते उनकी कानून मंत्रालय से विदाई की गई है।
वहीं, अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसा अहम विभाग देने के पीछे चुनावी लाभ की अभिलाषा है. दरअसल, मेघवाल राजस्थान से आते हैं और भाजपा का एक बड़ा दलित चेहरा हैं। राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में उन्हें कानून मंत्रालय सौंपकर दलित वोटों को साधने की कोशिश की गई है। अर्जुन राम मेघवाल अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। उन्हें अक्सर साइकिल चलाते हुए काम पर जाते देखा जाता है। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही दी गई है।
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