इन दिनों सोशल मीडिया पर महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या के वीभत्स वीडियो वायरल हो रहे हैं। महिला का चीरहरण करके निर्वस्त्र करते हैं और फिर यौन उत्पीड़न करते हैं। संवेदनशील हृदय का व्यक्ति तो पूरा वीडियो देख नहीं सकता है। महिला चीख रही है। अपनी लाज बचाने के लिए तड़प रही है लेकिन शिकारी के जाल से हिरनी निकले तो कैसे? इसी तरह हत्या के वीडियो आ रहे हैं। व्यक्ति को गड़ासे से काटा जा रहा है। एक-एक अंग शरीर से अलग किया जा रहा है। ऐसी दर्दनाक हत्या देखकर कलेजा कांप उठता है। ठीक वैसे जैसे मुगल शासक औरंगजेब ने आगरा में वीर गोकुला जाट का एक-एक अंग काटकर मरवाया था।
यह किस स्तर की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल के हैं। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मदद करने वालों का यह हाल किया जा रहा है। वीडियो में सुनाई दे रही भाषा और सूरत से तो ऐसा प्रतीत होता है तो ये बंगाल के हैं। सब जानते हैं कि बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के साथ ही हिंसा शुरू हो गई थी। भाजपा के कार्यालयों में आग लगाई गई और कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। पिछले दिनों भाजपा ने अपने 47 कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप ममता सरकार पर लगाया था। यहां सवाल यह है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता क्या इस स्तर की हो सकती है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूजयंते रमन्त्रे तत्र देवता’ का मंत्र देने वाले देश के एक राज्य में महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया जाए और उसका लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैलाया जाए।
पश्चिम बंगाल की भारत को अनुपम देन
पश्चिम बंगाल की भारत को कई अनुपम देन हैं। दुर्गा पूजा की शुरुआत बंगाल में हुई और पूरे देश में फैल गई। खिलाड़ियों में सौरभ गांगुली और मोहन बागान के नाम भला कौन नहीं जानता। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, जगदीश चन्द्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, खुदीराम बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, प्रणब मुखर्जी, शर्मीला टैगोर जैसी महान हस्तियों की भूमि है बंगाल। वहां अगर राजनीतिक विद्वेष के तहत कुकृत्य होता है तो यह देश पर कलंक के समान है। चुनाव में हार-जीत होती है लेकिन बाद में हत्या और बेटियों से दुष्कर्म जैसी घटनाओं का होना शर्मनाक है।
जरूरत है जांच की
जरूरत इस बात की है कि इन वीडियो की जांच की जाए। अगर वीडियो फर्जी हैं तो फैलाने वालों की ढूंढकर सख्त सजा दी जाए। अगर वीडियो सही हैं तो इनमें दिख रहे लोगों की पहचान कर कठोर दंड दिया जाए। सवाल यह है कि बंगाल में यह कौन सा खेला होवे?
नितेश शर्मा
संपादक, जनसंदेश टाइम्स
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