जैन मंदिर दादाबाड़ी आगरा में भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक की धूम,  जैन संत बनने जा रहे 12 वर्षीय मुमुक्ष का बहुमान

RELIGION/ CULTURE

साध्वी जी महाराज ने कहा, हम परमात्मा महावीर के शासन रह रहे हैं, परमात्मा के सिद्धांतों को अंगीकार कर मनाएं उनका जन्म कल्याणक

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक श्री संघ के तत्वाधान में राजेंद्र सूरी महिला मंडल ने भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक वचन सिद्ध वयोवृद्ध साध्वी श्री कल्पलता श्री जी म. सा. की निश्रा में श्रद्धा, उल्लास और उमंग के साथ मनाया ।
दादाबाड़ी स्थित परमात्मा महावीर के मंदिर में
भगवान महावीर स्वामी की बड़ी पूजा राजेंद्र सूरी महिला मंडल द्वारा पढ़ाई गई। मंदिर की भव्य सजावट की गई। महिला मंडल द्वारा नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। भगवान को खीर अर्पण की गई।

महावीर जयंती समारोह में शामिल होने के लिए साध्वी जी ने भीषण तापमान के बीच मथुरा से आगरा तक 50 किलोमीटर अग्र विहार किया। वे प्रतिदिन 25 किलोमीटर पैदल चली। इसके बाद भी उनके मुख्य मंडल पर तेज दिखाई दे रहा था। आगरा आने पर साध्वी श्री का स्वागत राजकुमार जैन कमल चंद्र जैन अजीत कुमार जैन ने किया।

जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक श्री संघ के निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि जब भगवान के जन्म होने पर उनके बाल रूप को पालने में झुलाया गया तो परमात्मा महावीर की जय जयकार से मूलनायक परमात्मा महावीर का मंदिर और प्रांगण जयकारों से गूंज उठा।

आगरा की पुण्यधरा इन दिनों एक अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा की साक्षी बन रही है। 12 वर्षीय डुग्गू मेहता शीघ्र ही जैन संत के पावन मार्ग पर अग्रसर होने जा रहे हैं। दीक्षा से पूर्व वे मुमुक्षु रूप में अपनी तपस्विनी माता — पूज्य साध्वी श्री नानाश्री जी के सान्निध्य में दादाबाड़ी, आगरा की दिव्य भूमि पर पधारे।
भगवान महावीर जयंती के शुभ अवसर पर जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक श्री संघ द्वारा प्रेम, श्रद्धा और उल्लास के साथ मुमुक्षु डुग्गू मेहता एवं साध्वीश्री का बहुमान किया गया। इस मंगलमय क्षण में संघ के समस्त श्रद्धालु — श्रावक एवं श्राविकाएं — साध्वीश्री के चरणों में नतमस्तक हुए और उनके सान्निध्य में आत्मिक शांति का अनुभव किया।
यह दृश्य न केवल एक साधारण स्वागत का प्रतीक था, अपितु यह उस परंपरा और विश्वास का प्रतीक था, जहाँ त्याग, संयम और आत्मकल्याण की ओर बढ़ते एक बालक के कदम समस्त समाज को प्रेरणा दे रहे थे। माँ की तपस्या और पुत्र का वैराग्य — दोनों ही इस अवसर को अविस्मरणीय बना रहे थे।

इस मौके पर श्रावक और श्राविकाओं को संबोधित करते हुए साध्वी कल्पलता श्री जी महाराज ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक मनाना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। जिस तरह से हम अपना जन्मदिन मनाते हैं इस तरह से परमात्मा का जन्म कल्याणक संपूर्ण उल्लास और धूमधाम के साथ परमात्माओं के सिद्धांत को आत्म साथ कर मनाया जाना चाहिए। हम जिन शासन में रहते हैं फिर हम जिन भगवान का जन्म कल्याणक को मनाने में कोताही क्यों करते हैं?

श्री जैन ने बताया कि 12 वर्षीय मुमुक्षु बाल भाई डुग्गू मेहता का संघ की ओर से बहुमान किया गया। उन्हें 30 अप्रैल को जयानंद जी महाराज साहब की निश्रा में जोधपुर में दीक्षा दिलाई जाएगी। साध्वी जी भगवन ने आशीर्वाद प्रदान किया। उनकी माता श्री, जो कठिन तपस्वी है, उनका भी संघ की ओर से बहुमान किया गया।

इस अवसर पर दुष्यंत जैन, विपिन जैन, के के कोठारी, शरद चौरड़िया, विनय जैन, सुनील कुमार जैन, संजय दूगड, अजय चौरडिया, अजय, अशोक, प्रमोद, प्रेम ललवानी, रचना बरडिया, स्वाती, रुचि लोढ़ा, नेहा वेद, ममता, कविता जैन, रीटा ललवानी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh