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जैन साध्वी वैराग्य निधि ने कहा- हमें अभिव्यक्ति प्रबंधन भी आना चाहिए, जानिए क्यों?

RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India.  परम विदुषी जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने दादाबाड़ी में प्रवचन करते हुए वाणी की महत्ता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा- वाणी घायल कर सकती है और घावों को भर भी सकती है। वाणी आग से दाहक भी हो सकती है और बर्फ सी शीतल भी। इसलिए हित, मित, प्रिय भाषा का प्रयोग करें। विकथा, आत्मप्रशंसा, मुखरता, हास्य, असंयमित व्यवहार हैं। हमें अभिव्यक्ति प्रबंधन (कम्युनिकेशन मैनेजमेंट) आना चाहिए।

 

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के राजकुमार जैन ने तपस्विनी रिंकी लोढ़ा, दिनेश गादिया, रजत गादिया की तपस्या की अनुमोदना की। उनकी सुख साता जानी। 7 अगस्त को प्रातः 8:30 बजे से तपस्वी दिनेश गादिया का परमात्मा के रथ के साथ बरगोड़ा यात्रा जैन दादाबाड़ी के मुख्य द्वार से प्रारंभ होकर प्रवचन स्थल पहुंचेगी। तपस्या का पारणा होगा। संघ की ओर से तपस्वी का बहुमान होगा। 7 अगस्त को प्रातः 9.15 बजे से वैराग्य निधि महाराज द्वारा द्वारा सम्मेद शिखर तीर्थ की भावयात्रा कराई जाएगी।

 

इस मौके पर विनय वागचर, सुशील जैन, रवि लोखड़, दुष्यंत जैन, सीए चिराग जैन, रजत गादिया, निखिल जैन, अशोक, धीरज ललवानी, पंकज लोढ़ा, शांता जैन, रीटा, सुमन ललवानी, नेहा, बेला वेद आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh