मंत्रस्नान क्या है, भक्तामर स्तोत्र महापूजन के बाद जैन साध्वी वैराग्य निधि ने दी जानकारी

RELIGION/ CULTURE

प्रार्थना और विश्वास से नामुमकिन भी मुमकिन बन जाता है

भक्तामर स्तोत्र महापूजन के तीसरे दिन 18 गाथाओं का अर्थ बताया

आज सेठ गली से रोशन मोहल्ला तक तपस्वियों की वरगोड़ा यात्रा निकालेंगे

Agra, Uttar Pradesh, India. श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर रोशन मोहल्ला में भक्तामर महापूजन के तीसरे दिन 48 गाथाओं में से शेष 18 गाथाओं का महापूजन किया गया। समापन 9 सितम्बर को है। 9 सितम्बर, 2022 को प्रातः आठ बजे से तपस्वियों की वरगोड़ा यात्रा निकाली जाएगी। इस मौके पर परमविदुषी साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने कहा कि प्रार्थना और विश्वास में इतनी ताकत है कि नामुमकिन को भी मुमकिन बना देते हैं।

 

जैन साध्वी ने कहा कि जब हमारे अंतरहृदय के तार सर्वशक्तिमान (पॉवर हाउस) से जुड़ जाते हैं तब कुछ भी असंभव शेष नहीं रहता है। जब हम परमात्मा का ध्यान करते हैं तब शरीर में अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा आत्मा और शरीर  दोनों को पवित्र बनाती है, जिससे हम पाप व रोगमुक्त होते हैं। मंत्रोच्चार की सकारात्मक, सक्षम व सूक्ष्म तरंगें हमारे अंग-प्रत्यंग को निर्मल व निर्विकारी बनाती हैं, जिसे मंत्रस्नान करते हैं, जो शारीरिक, मानसिक, आत्मिक आरोग्य का कारण बनती हैं।

Bhaktamar stotra
भक्तामर स्तोत्र का पाठ करते श्रद्धालु।

वरगोड़ा यात्रा हनुमान मंदिर सेठ गली से रोशन मोहल्ला आएगी। उपाश्रय में संक्षिप्त सभा होगी। इसके बाद भक्तामर महापूजन के अंतिम दिन महामंत्र भक्तामर का जाप और महाआरती है। आज के लाभार्थी विनय चंद्र, प्रदीप कुमार लोढ़ा, अशोक कुमार, हर्षित कुमार कोठारी एवं राजकुमार, चंदा, आयुष ललवानी रहे।

 

कार्यक्रम में विनय, ललित वागचर, अर्पित वेद, संजय चौरड़िया, गौरव ललवानी, नेहा, उषा वेद, संगीता चौरड़िया, अनुराधा बोहरा, शिल्पा लोढ़ा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh