simandhar swami

भगवान सीमंधर स्वामी के बारे में ऐसी जानकारी कि आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे

RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. आज हम आपको जैन समाज के ऐसे भगवान के बारे में बता रहे हैं, जो आपको कभी पता नहीं चलेगी। हम बात कर रहे हैं भगवान सीमंधर स्वामी की। सीमंधर स्वामी भगवान की उम्र अभी 1,75,000 वर्ष है। वे अभी अगले 1,25,000 वर्षों तक जीवित रहेंगे। वे महाविदेह क्षेत्र में विराजमान हैं। वे महाविदेह क्षेत्र में विराजमान हैं और जगत का कल्याण कर रहे हैं।

सीमांधर स्वामी के बार में इससे भी बड़ी जानकारी आगे है। भगवान सीमंधर स्वामी के साथ84 गणधर, 10 लाख केवली (केवलज्ञान सहित), 10 करोड़ साधु, 10 करोड़ साध्वियाँ, 900 करोड़ पुरुष और 900 करोड़ विवाहित स्त्री-पुरुष (श्रावक-श्राविकाएँ) हैं। उनके रक्षक देव-देवी श्री चांद्रायण यक्ष देव और श्री पाँचांगुली यक्षिणी देवी हैं।

sadhvi vairagya nidhi
sadhvi vairagya nidhi

साध्वी वैराग्य निधि श्रीजी ने बताया कि महाविदेह क्षेत्र में कुल 32 देश है, जिसमें से भगवान सीमंधर स्वामी पुष्प कलावती देश की राजधानी पुंडरिकगिरी में हैं। महाविदेह क्षेत्र हमारी पृथ्वी के उत्तर पूर्व दिशा से लाखों मील की दूरी पर है। पृथ्वी पर पिछले 2500 साल से तीर्थंकरों का जन्म होना बंद हो चुका है। वर्तमान काल के सभी तीर्थंकरों में से सीमंधर स्वामी भगवान हमारी पृथ्वी के सबसे नज़दीक हैं और उनका भरतक्षेत्र के जीवों के साथ ऋणानुबंध है। उनके प्रति भक्ति और समर्पण से हमारा अगला जन्म महाविदेह क्षेत्र में हो सकता है और भगवान सीमंधर स्वामी के दर्शन प्राप्त करके हम मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।

इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जैन समाज ने आज सीमंधर स्वामी की आराधना की। करीब डेढ़ घंटा तक नेत्र बंद कर महाविदेह क्षेत्र की भाव यात्रा कराई गई। साध्वी वैराग्यनिधि श्रीजी के सानिध्य में शुद्ध भावों के साथ सीमंधर स्वामी को नमन कराया। सीमंधर स्वामी की आत्मा अभी मोक्ष नहीं गयी है। शरीर रूप में अभी हमारे जम्बूद्वीप के महाविदेह क्षेत्र में ही विचरण कर रही है। माना जाता है कि वे हमारे भाव नमस्कार को स्वीकार कर हमे दु:खों से मुक्ति का मार्ग दिखाएंगे।

simandhar swami puja
सीमंधर स्वामी की आराधना में लीन श्रावक-श्राविकाएं

जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि महाविदेह क्षेत्र में भगवान सीमंधर स्वामी और अन्य 19 तीर्थंकर अपने एक करोड़ अस्सी लाख और 400 हज़ार साल का जीवन पूर्ण करने के बाद मोक्ष प्राप्ति करेंगे। उसी क्षण इस पृथ्वी पर अगली चौबीसी के नौवें तीर्थंकर श्री प्रोस्थिल स्वामी भी उपस्थित होंगे। आँठवें तीर्थंकर श्री उदंग स्वामी का निर्वाण हुआ ही होगा।

यह कार्यक्रम जैन श्वेतांबर श्रीसंघ के तत्वाधान श्री महावीर भवन ( स्थानक) न्यू राजामंडी  कॉलोनी में हुआ। बड़ी संख्या में श्रावक और श्राविकाओं ने शिरकत की। अशुभ कर्मों के लिए पश्चाताप किया गया ताकि आत्मा शुध्द हो सके। साध्वी वैराग्यनिधि श्रीजी ने वे उपाय बताए जिनसे सामान्य जीवन में आत्मिक रूप से शुद्ध रहा जा सकता है।

इस मौके पर जैन श्वेतांबर स्थानकवासी समिति राजामंडी के उपाध्यक्ष नरेश चपलावत, समिति के महामंत्री राजेश सकलेचा, स्थानकवासी समिति लोहामंडी के महामंत्री सुशील जैन, प्रेम, प्रमोद ललवानी, दुष्यंत लोढ़ा, कमल चंद जैन,  सुरेंद्र सोनी, रंजीत सुराना, शिल्पा लोढ़ा, संगीता सकलेचा, उषा बहन आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh