इसरो ने रचा एक और कीर्तिमान, देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम- एस को लॉन्च किया – Up18 News

इसरो ने रचा एक और कीर्तिमान, देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम- एस को लॉन्च किया

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने आज एक और कीर्तिमान रचते हुए देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम- एस को लॉन्च कर दिया। इसरो ने बताए समयानुसार सुबह 11:30 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसे लॉन्च किया है। इस मिशन का नाम प्रारंभ रखा गया है।

स्काईरूट एयरोस्पेस के को-फाउंडर पवन कुमार चंदाना ने इसे नए भारत का प्रतीक बताया वहीं इसरो ने भारत के साथ लॉन्च के दौरान सहयोग करने वालों को भी बधाई दी। प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस को हैदराबाद की एक स्टॉर्टअप कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने तैयार किया है। पहले इसके लॉन्च की तरीख 15 नवंबर रखी गई थी लेकिन मौसम में आए बदलाव के चलते इसे आज यानी 18 नवंबर को लॉन्च किया गया।

विक्रम-एस नए भारत का प्रतीक’

इसरो ने पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस के सफल लॉन्च की जानकारी ट्विटर के जरिए साझा की है। उन्होंने कहा कि मिशन प्रारंभ सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस खास मौके पर स्काईरूट और भारत को बधाई। स्काईरूट एयरोस्पेस के को -फाउंडर पवन कुमार चंदाना ने इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हमने आज भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस के लॉन्च के साथ इतिहास रचा है। यह नए भारत का प्रतीक और उज्जवल भविष्य का प्रारंभ है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने क्या कहा

भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट के लॉन्च के मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंदॅ सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने रॉकेट के सफल लॉन्च पर ट्वीट कर इसरो की पूरी टीम को बधाई दी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश को बधाई। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह एक एतिहासिक उपलब्धि है। सिंह ने आगे कहा कि भारत के स्टार्टअप के लिए यह एक टर्निंग प्वाइंट और इसरो के लिए नई शुरुआत है। भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट अब स्पेस में है।

पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस की खासियत जानिए

-विक्रम-S का नाम महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।
-देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस का वजन 500 से 550 किलोग्राम है। यह एक सब-ऑर्बिटल लॉन्च रॉकेट है।
-विक्रम-एस की लॉन्चिंग को इसबार सस्ता रखने की कोशिश की गई है। इसके लिए इसमें आम ईंधन की जगह LNG मतलब लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया है।
– यह रॉकेट समंदर में गिरने से पहले धरती की सतह से 101 किलोमीटर की ऊंचाई को हासिल करेगा।
– विक्रम-एस दुनिया का पहला ऑल कंपोजिट रॉकेट है। इसमें 3-D प्रिंटेड सॉलिड थ्रस्टर्स लगे हैं। इनका काम स्पिन कैपिबिलिटी को संभालना है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh