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मुन्ना का इंटरव्यू, तबियत खुश हो जाएगी, जरूर देखें वीडियो

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आज मैंने एक मुन्ना का इंटरव्यू किया। मुन्ना ने एक-एक सवाल का जवाब दिया। बेबाकी से जवाब दिया। अगर आपको विश्वास न हो तो ये वीडियो देख सकते हैं। आप जानते हैं मुन्ना कौन है। यह मुन्ना हमें मिला उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के अनूपशहर रोड स्थित गांव इंदौरखेड़ा में। यह गांव डिबाई तहसील के अंतर्गत आता है। भीमपुर दोराहा से दो किलोमीटर दूर होगा। गांव के रूप सिंह के बाड़े में हमें मुन्ना मिला। मुन्ना वास्तव में भैंस का पड्डा है। आपको समय अधिक खराब न करते हुए सीधे इंटरव्यू पर आते हैं-

सवालः क्या आप कोरोना से भयभीत हैं

जवाबः ये कोरोना-कोरोना क्या है। जब हमारे भारत के धाकड़ प्रधानमंत्री भयभीत नहीं हैं तो हम क्यों होंगे। कोरोना के चक्कर में चुनाव नहीं टाले जा सकते हैं। कोरोना के चक्कर में नौकरियां जा रही हैं। कोरोना के चक्कर में हमारी अर्थव्यवस्था ऋणात्मक है। चीन चढ़ा आ रहा है फिर भी कोई भयभीत नहीं है। फिर हम क्यों भयभीत हों।

सवालः लेकिन आपके हक का दूध बेचा जा रहा है। क्या यह भय की बात नहीं है

जवाबः आपने हमें क्या नेता या सरकार समझ रखा है। हम अपना पेट काटकर अपने पालनहार का पेट पालते हैं। हम साहब नहीं है जो वोट लेकर नौकरी छीन लें। हम ऐसे भी नहीं है कि दोबारा सत्ता में आ जाएं और लोगों को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दें।

सवालः वह तो ठीक है, लेकिन आपकी मां को तंग किया जा रहा है, दूध निकालने के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है।

जवाबः इससे क्या फर्क पड़ता है। खुशी है कि मैं अपनी मां के साथ रहता हूं। ऐसा तो नहीं है कि मैं महल में रहूं और अपनी मां को सड़े से कमरे में बंद कर दूं।

सवालः क्या देश के वर्तमान हालात से आप खुश हैं

जवाबः आपको वर्तमान की पड़ी है और मुझे भविष्य की। आपका भविष्य सुनहरा है। 2022 तक  किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। अम्बानी और अडाणी खेती करेंगे। फिर हमारे पालक किसान मौज करेंगे। देखिए न कितना सुनहरा भविष्य आने वाला है।

सवालः क्या आपको अपना भविष्य पता है।

जवाबः हां, पता है। मैं काटा जाऊंगा, लेकिन कटने के बाद भी खाने के काम आऊंगा। आप अपनी बात करें। मैं तो एक  बार मरूंगा और आप तो रोज मर रहे हैं फिर भी आपके नेताजी मगरमच्छी आंसू बहाने तक नहीं आ रहे हैं।

सवालः आप कोई संदेश देना चाहते हैं क्या
जवाबः मैं तो हर माह संदेश देता हूं। कोई ग्रहण न करे तो क्या करूं। सबको आत्मनिर्भर बनाना चाहता हूं, कोई न बने तो क्या करूं। करने वाले के लिए काम बहुत हैं और न करने वाले के लिए कुछ नहीं है।

सवालः आपका बहुत धन्यवाद

जवाबः आपका भी धन्यवाद कि मुझ जैसे आम पड्डा को इंटरव्यू लिया वरना इंटरव्यू तो कसाइयों के किए जा रहे हैं। हम जैसे आम पड्डा तो किसी गिनती में ही नहीं हैं।