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अंतरराष्ट्रीय संत विजय कौशल महाराज ने चित्रकूट धाम में चल रही रामकथा में बताई भगवान से मिलने की ट्रिक

RELIGION/ CULTURE

आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए गए चित्रकूट धाम में श्रीराम कथा का शुभारंभ

कथा के मुख्य यजमान हैं एकता बिल्डर्स वाले  मुरारी प्रसाद अग्रवाल -मीरा अग्रवाल 

Agra, Uttar Pradesh, India. अंतरराष्ट्रीय संत विजय कौशल महाराज उत्तर प्रदेश के आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए चित्रकूट धाम में श्रीराम कथा का अमृत वर्षा कर रहे हैं। उन्होंने प्रथम दिन रामकथा का महत्व प्रतिपादित कयाष साथ ही भगवान से मिलने का ट्रिक बताई। विजय कौशल महाराज ने कहा-  भगवान भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं। वे मंत्रों की नहीं, आसुंओं की भाषा जल्दी समझते हैं। इसलिए उन्हें पुकारो, मन से पुकारो। जब तक बच्चा रोकर मां को नहीं पुकारता है, तब तक मां भी जल्दी नहीं सुनती। इसी तरह आप भी भीगी आंखों से, कंपकपाते होठों से भगवान को पुकारो। वे आपकी अवश्य सुनेंगे। मंत्रों से उच्चारण से यदि भगवान मिल गए होते तो सभी विद्वानों को उनके दर्शन हो चुके होते।

 

श्रीराम कथा का आयोजन मंगलमय परिवार द्वारा किया गया है। हजारों लोग श्रवण कर रहे हैं। श्रद्धालु इतने मगन हो जाते हैं कि नृत्य करने लगते हैं। सोमवार को संत विजय कौशल महाराज ने भगवान श्रीराम की कथा का महत्व बताया। कहा कि कथा भगवान से मिलने की लालसा पैदा करती है। ओठों से भगवान का भजन करने की प्रेरणा देती है। इसलिए भगवान के नाम को  निरंतर स्मरण करिए। वैसे भी कलियुग में नाम स्मरण का ही विशेष महत्व है।

राम कथा
श्रीराम कथा में नृत्य करती श्रद्धालु।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भीड़ में जब बच्चा खो जाता है, तब मां बार-बार लाउडस्पीकर से पुकारती है। एक बार नहीं, दो बार नहीं, बार-बार पुकारने पर एक बार बच्चे तक आवाज पहुंच जाती है। इसी प्रकार भगवान को बार-बार पुकारो, वे जरूर आवाज सुनेंगे। सुनेंगे नहीं, उद्धार करेंगे।

 

विजय कौशल महाराज ने कहा कि कथा भगवान श्रीराम के स्वभाव का पता बताती है। वे बहुत ही कोमल स्वभाव के हैं। किसी देवता का ऐसा स्वभाव नहीं है। वे हमारा दुर्गुण देख लेते हैं, लेकिन उसे भूल जाते हैं। गलती हो जाती है,तब भी वे अच्छा ही करते हैं। वे गुणों की चर्चा करते हैं, दोष देख कर भूल जाते हैं। भगवान जिसको मिले हैं, कथा सुन कर ही मिले हैं। इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है। वैसे ही तुलसीदास कहते हैं, जिनकी कथा इतनी सुंदर है, वो कितना सुंदर होंगे। उन्होंने भजन सुनाया-

नाम तुम्हारा तारण हारा, जाने कब दर्शन होगा,

जिसकी महिमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा।

ram katha
ram katha

हर समय भक्ति की चर्चा करें। बिना भजन के भगवान सुनते नहीं। हर समय भगवान का नाम गुनगुनाते रहे। कुछ लोग मीराबाई के पास गए, पूछा भगवान कैसे मिलते हैं। वे बोली, गाओ और नाचो। मीरा बाई से पूछा, क्या गाएं, वे बोली, एक ही गीत है, नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा। कलियुग केवल नाम अधारा। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम को भी कोमल और स्वच्छ हृदय वाले भक्त पसंद है। उन्हें छल, कपट वाले व्यक्ति बिलकुल पसंद नहीं है। भगवान को पदार्थ प्रिय नहीं, प्रेम ही उन्हे प्यारा। हृदय के भाव को ही देखते है।

 

कथा का अमृत रस पीने वाले मुख्य यजमान मुरारी प्रसाद अग्रवाल -मीरा अग्रवाल (एकता बिल्डर्स), दैनिक यजमान प्रमोद बंसल- अंजना बंसल, विक्कीमल अग्रवाल-ममता अग्रवाल, विश्नू बाबू वर्मा – ममता वर्मा, दिनेश गोयल – अलका गोयल, मुख्य अतिथि विख्यात चिकित्सक डा आर एस पारिक, वरिष्ठ समाजसेवी मुरारीलाल फतेहपुरिया, आगरा सांसद पत्नी मधु बघेल, बब्बू भैया (इन्द्रपुरी), पूर्व मंत्री डॉ. रामबाबू हरित के अलावा राकेश अग्रवाल, रूपकिशोर अग्रवाल, महावीर मंगल, घनश्याम दास अग्रवाल, महेश गोयल, विजय बंसल (मार्बल), वीरेन्द्र कुमार सिंघल, संजय गोयल, अखिल मोहन मित्तल, हेमन्त भोजवानी, मीडिया प्रभारी ऋषि अग्रवाल, हरिओम मित्तल, कमलनयन फतेहपुरिया, निखिल गर्ग, शकुन बंसल, दिनेश स्टील, राजू भगत, पी के भाई, तपन अग्रवाल, देवेश शुक्ला, मनोज अग्रवाल पॉली, दिनेश मित्तल आदि मौजूद रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh