उत्‍तराखंड के औली में जोरदार सैन्‍य अभ्‍यास करने जा रहे हैं भारत और अमेरिका, चीन को लगी तीखी मिर्ची

उत्‍तराखंड के औली में जोरदार सैन्‍य अभ्‍यास करने जा रहे हैं भारत और अमेरिका, चीन को लगी तीखी मिर्ची

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भारत और अमेरिका के सैनिक चीन की सीमा से मात्र 100 किमी की दूरी पर उत्‍तराखंड के औली में 10 हजार फुट की ऊंचाई पर एक जोरदार सैन्‍य अभ्‍यास करने जा रहे हैं। अक्‍टूबर महीने में होने जा रहे इस अभ्‍यास में दोनों ही देशों के सैनिक ऊंचाई वाले इलाके में जंग लड़ने के गुर सीखेंगे। ताइवान संकट को लेकर अमेरिका और चीन में चल रहे तनाव के बीच होने जा रहे इस अभ्‍यास पर चीन के सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स को तीखी मिर्ची लगी है। उसने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया है कि इसका भारत के साथ रिश्‍तों पर असर पड़ेगा।

इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के साथ अमेरिका अभ्‍यास करके चीन को दोतरफा घेरने की बड़ी योजना पर काम कर रहा है। आइए समझते हैं पूरा मामला….

भारत और अमेरिका की सेना के बीच हर साल युद्धाभ्‍यास होता है। इस साल अक्‍टूबर महीने में भी 18 से 31 तारीख तक भारत और अमेरिका के सैनिक उत्‍तराखंड के औली में जंग लड़ने का अभ्‍यास करेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल के अभ्‍यास में खास बात यह है कि ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जंग जैसे हालात हैं। साथ ही भारत और अमेरिका दोनों ही देशों के बीच यह अभ्‍यास पहली बार चीन की सीमा के इतने करीब होने जा रहा है। यही नहीं, वजह है कि चीन की इस पर टेढ़ी नजर हो गई है। जापानी अखबार निक्‍केई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना के प्रशांत कमांड ने इसकी पुष्टि की है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका ने चीन की सीमा के इतने करीब अपनी सेना को भेजने का ऐलान करके ड्रैगन को बड़ा संदेश दिया है।

भारत ने अमेरिका संग युद्धाभ्‍यास का ऐलान कर चीन को दिया बड़ा संदेश

अमेरिका के हेरिटेज फाउंडेशन के रिसर्च फेलो जेफ एम स्मिथ ने निक्‍केई से बातचीत में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच उत्‍तराखंड में पहले भी साल 2014, 2016 और 2018 में युद्धाभ्‍यास हो चुके हैं। ये सभी युद्धाभ्‍यास चीन की सीमा से करीब 300 किमी की दूरी पर हुए थे। इस बार यह अभ्‍यास सिर्फ 100 किमी की दूरी पर होने जा रहा है। यह नया घटनाक्रम है। वहीं एक अन्‍य विदेशी मामलों की विशेषज्ञ तन्‍वी मदान कहती हैं कि यह युद्धाभ्‍यास भारत की ओर से चीन को एक संदेश है कि वह चीन को लेकर अपनी चिंता को किनारे नहीं रख रहा है या चीन को खुश करने के लिए अमेरिका से सहयोग करने से परहेज कर रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘यह युद्धाभ्‍यास इस बात का भी संकेत है कि भारत चीन को अपने भागीदारी के बारे में वीटो करने का अधिकार नहीं दे रहा है।

इस युद्धाभ्‍यास का समय भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। भारत और अमेरिका की सेनाएं अक्‍टूबर में बारूद बरसाने का अभ्‍यास करेंगी। यह अभ्‍यास चीन में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की राष्‍ट्रीय बैठक से ठीक पहले होने जा रहा है जिसमें राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग कोशिश करेंगे कि उन्‍हें पार्टी की ओर से तीसरा कार्यकाल दे दिया जाए।

अमेरिकी संसद की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद शी जिनपिंग आगबबूला हैं। चीन की सेनाओं के सर्वोच्‍च कमांडर शी जिनपिंग के आदेश पर पीएलए ने ताइवान के चारों जमकर बारूद बरसाया है। माना जा रहा है कि कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की बैठक से ठीक पहले नैंसी पेलोसी की यात्रा ने शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल के लिए संकट पैदा कर दिया है। यही नहीं चीन में राष्‍ट्रवाद के नाम जनता को भड़काने वाले शी जिनपिंग से अब यही जनता सवाल पूछ रही है कि नैंसी पेलोसी के विमान को बीच रास्‍ते में ही उड़ा क्‍यों नहीं दिया गया। चीन का सोशल मीडिया ऐसे संदेशों से पटा पड़ा है।

चीन की सेना ने लद्दाख के पास बड़े पैमाने पर लाइव फायर ड्रिल किया

भारत और अमेरिका की सेना ने इस संयुक्‍त युद्धाभ्‍यास का ऐलान ऐसे समय पर किया है जब चीन की सेना ने हाल ही में लद्दाख सीमा के पास बड़े पैमाने पर लाइव फायर ड्रिल किया है। चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि पीएलए के तिब्‍बतन मिलिट्री डिस्ट्रिक ने पिछले सप्‍ताह लाइव फायर एयर डिफेंस ड्रिल किया है। चीन ने तस्‍वीरें जारी करके कहा है कि इसमें ड्रोन, एयर डिफेंस गन और मिसाइलों ने पहाड़ी इलाके में हुए अभ्‍यास में हिस्‍सा लिया।

चीनी सेना ने हवाई हमले को विफल करने का अभ्‍यास किया, वहीं अपने ठिकानों को बचाने की प्रैक्टिस की। चीन ने बताया कि यह अभ्‍यास 15 हजार फुट की ऊंचाई पर किया गया। इसके ठीक बाद अब भारत और अमेरिका की सेना युद्धाभ्‍यास करने जा रहे हैं जो दोनों सेनाओं के बीच सबसे बड़ा सैन्‍य प्रशिक्षण है। इससे पहले साल 2021 में यह अभ्‍यास अमेरिका के अलास्‍का में हुआ था। इसमें ब्‍लैक हॉक हेलिकॉप्‍टर और चिनूक हेलिकॉप्‍टरों ने हिस्‍सा लिया था।

Dr. Bhanu Pratap Singh