चीन और पाक को शेख हसीना सरकार ने दिया बड़ा झटका, पीएनएन तैमूर को नहीं दी डेरा डालने की अनुमति

चीन और पाक को शेख हसीना सरकार ने दिया बड़ा झटका, पीएनएन तैमूर को नहीं दी डेरा डालने की अनुमति

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बांग्‍लादेश पर लगातार डोरे डाल रहे चीन और पाकिस्‍तान को शेख हसीना सरकार ने बड़ा झटका दिया है। बांग्‍लादेश की सरकार ने चीन में बने पाकिस्‍तानी नौसेना के सबसे घातक युद्धपोत पीएनएस तैमूर को चटगांव पोर्ट पर डेरा डालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।

पीएनएन तैमूर लेजर गाइडेड मिसाइलों और शक्तिशाली रेडार से लैस है और चीन के शंघाई से पाकिस्‍तानी नौसेना में शामिल होने के लिए कराची जा रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्‍तान और चीन चाहते थे कि यह युद्धपोत बांग्‍लादेश जाए ताकि बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार के पास से गुजरते हुए न केवल भारतीय नौसेना की गतिविधियों की जासूसी की जा सके, बल्कि शक्ति प्रदर्शन भी किया जा सके।

साथ ही साथ बांग्‍लादेश के जरिए चीन यह भी दिखाना चाहता था कि उसकी भारत को घेरने के लिए बनाई गई स्ट्रिंग ऑफ पर्ल की योजना सफल हो रही है। दरअसल, चीन म्‍यांमार में बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। म्‍यांमार की सेना को भी चीन हथियारों की सप्‍लाइ कर रहा है।

वहीं बांग्‍लादेश में भी चीन ने बंदरगाह बनाने में मदद की है। बांग्‍लादेश ने चीन से बड़े पैमाने पर हथियार और युद्धपोत खरीदे हैं। चीन का जासूसी जहाज भारत के एक और पड़ोसी देश श्रीलंका आ रहा है। भारत के विरोध के बाद भी चीन का जासूसी जहाज हंबनटोटा बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है। पाकिस्‍तान पहले ही चीन का आर्थिक और सैनिक रूप से गुलाम बन चुका है।

इस तरह से भारत को उसके घर हिंद महसागर में घेरने के लिए चीन की रणनीति काफी हद तक कामयाब होती दिखाई दे रही है। इस बीच बांग्‍लादेश ने चीन और पाकिस्‍तान दोनों को ही बड़ा झटका देते हुए पीएनएस तैमूर को रुकने की इजाजत नहीं दी।

बांग्‍लादेश की शेख हसीना सरकार ने हवाला दिया कि यह जहाज 15 अगस्‍त से ठीक पहले आना चाहता है और हम उसे मंजूरी नहीं दे सकते हैं। साल 1975 में 15 अगस्‍त के दिन ही पाकिस्‍तान समर्थक बांग्‍लादेशी सैनिकों ने कर दी थी। इससे पहले पाकिस्‍तान और चीन के विदेश मंत्री बांग्‍लादेश गए थे लेकिन इसके बाद भी बांग्‍लादेश सरकार ने तैमूर के प्रति सख्‍त रुख को अपनाया।

♥ गोला बारूद से लैस पाकिस्‍तानी युद्धपोत को अपने यहां रुकने की मंजूरी दे दी। यह युद्धपोत अब 12 अगस्‍त को कराची के लिए रवाना होगा और 15 अगस्‍त को कराची पहुंचेगा। यह युद्धपोत पाकिस्‍तान के दोस्‍त मलेशिया और चीन की गोद में जा चुके कंबोडिया में अभ्‍यास करते हुए आया है। इस जहाज को गत 23 जून को पाकिस्‍तानी नौसेन में शामिल किया गया था। यह चीन में बना Type 054 A/P फ्रीगेट है। अभी ऐसे दो और फ्रीगेट चीन पाकिस्‍तानी नौसेना के लिए बना रहा है।

Dr. Bhanu Pratap Singh