भक्तामर स्तोत्र का पाठ करें तो झूला झूलने का अहसासः वैराग्य निधि महाराज

RELIGION/ CULTURE

दूसरे दिन 18 गाथाओं का महापूजन, जैन साध्वी ने हिन्दी में बताई महिमा

Agra, Uttar Pradesh, India. श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर रोशन मोहल्ला में भक्तामर महापूजन के दूसरे दिन 48 गाथाओं में से 18 गाथाओं का महापूजन किया गया। परमविदुषी साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने प्रत्येक गाथा की हिन्दी में महिमा बताई। भक्तामर स्तोत्र का पाठ करने से अनगिनत लाभ हैं।

 

जैन साध्वी ने कहा- भक्तामर स्तोत्र 48 काव्यों में निबद्ध है। इसकी रचना वसंतलिका छंद में की गई है। छह ऋतिओं में वसंत ऋतु प्रमुख है। छंद का विधिवत उच्चारण करने वालों को झूला झूलने जैसा आभास होता है। इस स्तोत्र के हर काव्य में 56 अक्षर हैं। इस रचना का यह अद्भुत गुण है कि स्तोत्र के हर काव्य में ‘म, न, त, र’ ये चार अक्षर हैं, जिनसे मिलकर मंत्र शब्द बनता है।

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भक्तामर महापूजन में राजकुमार जैन एवं अन्य।

परमात्मा आदिनाथ का जल, दुग्ध, चंदन, पुष्प से भक्तों ने महापूजन किया। आज के महापूजन के मुख्य लाभार्थी राजकुमार जैन, सुनील कुमार जैन, आशीष जैन एवं नरेंद्र सिंह, संजय दूगड़ (संटू) परिवार था। महेन्द्र जैन ने भजन प्रस्तुत किए।

 

इस मौके पर सुरेंद्र लोढ़ा, राजीव पाटनी, के के कोठारी, दीपेश सेठिया, दिनेश गादिया, सुनील, धीरज ललवानी, दुष्यंत जैन, हर्षित कोठारी, ममता जैन, रीना दूगड़, उषा वेद, शिल्पा, स्वाति लोढ़ा, रश्मि, रिमसी ललवानी, नूतन वागचर की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर रोशन मोहल्ला में भक्तामर महापूजन में उपस्थित श्रद्धालु।

 

 

Dr. Bhanu Pratap Singh