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अगर MG Road पर भूमिगत हुई Agra Metro तो नहीं बन सकता एलिवेटेड रोड

REGIONAL लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. ताजमहल (Taj Mahal) के शहर आगरा (Agra) में मेट्रो  (Agra metro) का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। इतने द्रुत गति से कि समय से पूर्व ही काम पूरा होने की आशा है। इस बीच आगरा की जीवन रेखा (Life Line of Agra) महात्मा गांधी रोड (MG road) पर आगरा मेट्रो के निर्माण को लेकर विवाद चल रहा है। व्यापारी मांग कर रहे हैं कि एमजी रोड पर मेट्रो ऊपरगामी (Elevated metro) के स्थान पर भूमिगत (Underground metro) बनाई जाए। इस मुद्दे पर धरना, प्रदर्शन, बाजार बंद के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath CM UP) से भी भेंट की जा चुकी है। आगरा में मेट्रो का निर्माण उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Uttar Pradesh Metro Rail Corporation) ने 7 दिसम्बर, 2022 को शुरू किया था। मेट्रो की कुल लंबाई 29.65 किलोमीटर है। आगरा मेट्रो परियोजना निर्माण की अनुमानित लागत 12900 करोड़ रुपये है। इसमें से आगरा मेट्रो कॉरिडोर-1 (येलो लाइन) के निर्माण पर 8379.62 करोड़ रुपये व्यय हो रहे हैं। फरवरी, 2024 में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा।

एमजी रोड पर के व्यापारी यह तर्क दे रहे हैं कि अगर एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो न बनी तो एलिवेटेड रोड (Elevated metro) नहीं बन पाएगा। बढ़ते यातायात (Traffic hazard in Agra) के क्रम में एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो आवश्यक है। आगरा मेट्रो की डीपीआर (Detail Project Report) में एमजी रोड पर ऊपरगामी मेट्रो प्रस्तावित है, जैसे कि फतेहाबाद रोड पर बनी है।

इस समाचार को लिखने का उद्देश्य यह कतई नहीं है कि एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो न बने। हां, भूमिगत मेट्रो के बाद क्या स्थिति होगी, यह जानना भी आवश्यक है। जैसा कि तर्क दिया जा रहा है कि भूमिगत मेट्रो न बनी तो एमजी रोड पर एलिवेटेड रोड नहीं बन पाएगा, इस बारे में तकनीकी छानबीन की तो कुछ तथ्य सामने आए हैं।

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भूमिगत मेट्रो के लिए 15-20 मीटर खोदाई होती है। यह भी क्षेत्र विशेष पर निर्भर करता है। जहां का स्तर ऊंचा होता है, वहां एक-दो फीट अधिक खुदाई करनी पड़ सकती है। आमतौर पर 17-20 मीटर यानी 50-55 फीट। अगर रोड चौड़ा है और खुला क्षेत्र है तो भूमिगत मेट्रो निर्माण में कोई समस्या नहीं है।

भूमिगत मेट्रो का काम करने के लिए 10-30 मीटर का क्षेत्र चाहिए। इससे कम में काम नहीं हो सकता है। साथ ही स्टेशन बॉक्स का अलग से विनिर्देशन (Specification) होता है और इसके लिए अतिरिक्त स्थान की जरूरत होती है। स्टेशन बॉक्स परिवहन प्रणाली के लिए एक बॉक्स जैसी भूमिगत संरचना है। स्टेशन बॉक्स को “ऊपर से नीचे” या “नीचे से ऊपर” बनाया जाता है। इसके लिए 3500-4000 वर्गमीटर भूमि की जरूरत होती है।

सूत्रों ने बताया कि अगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन है तो इसके ऊपर उपरगामी मार्ग (एलिवेटेड रोड) बनाने में समस्या ही समस्या है। उपरगामी मार्ग के लिए भूमि पर आधार बनाना होगा, जिसके लिए भूमि खोदनी होगी लेकिन नीचे तो भूमिगत मेट्रो है, सो स्थान ही नहीं मिलेगा।

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यह स्थिति फिलहाल की है। देश और विदेश में नई-नई तकनीक का आविष्कार हो रहा है। हो सकता है कुछ ऐसा हो जाए कि भूमिगत मेट्रो के साथ ऊपरगामी मार्ग भी बन जाए। वैसे सक्षम प्राधिकारी के डिजाइन और विवेक पर भी बहुत सारी चीजें निर्भर करती हैं।

एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो के लिए संघर्ष करने वाले लोग इस बात पर बार-बार जोर दे रहे हैं कि ऊपरगामी मेट्रो बनी तो एलिवेटेड रोड नहीं बन सकता है। वे तर्क देते हैं कि एमजी रोड की चौड़ाई कम है। इसलिए भूमिगत मेट्रो का निर्माण हो। इस आधार पर एलिवेटेड रोड को भी भूल जाएं। व्यापारियों को चाहिए कि सिर्फ भूमिगत मेट्रो की बात न करें। भूमिगत मेट्रो के साथ एलिवेटेड रोड भी बनवाएं ताकि बाद में कोई समस्या न रहे।

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आगरा मेट्रो का प्रथम कॉरिडोर ताजमहल पूर्वी से सिकंदरा के बीच 14 किमी का है। इसमें 6 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन बनने हैं। इनमें ताज पूर्वी, बसई स्टेशन, फतेहाबाद रोड एलिवेटेड हैं। ताजमहल स्टेशन, आगरा किला, जामा मस्जिद, एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा कॉलेज, राजामंडी और आरबीएस कॉलेज भूमिगत होंगे। इसके अगले तीन स्टेशन आईएसबीटी, गुरु का ताल और सिकंदरा एलिवेटेड बनाए जाएंगे। इनमें ताजमहल, आगरा किला और जामा मस्जिद स्टेशन के भूमिगत बनाने का कार्य शुरू हो गया है।

yogi adityanath
एमजी रोड आगरा पर प्रस्तावित एलिवेटेड मेट्रो को भूमिगत करवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में विचार- विमर्श करते हुए आगरा के विधायकगण डॉ. जीएस धर्मेश, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, डॉ. धर्मपाल सिंह, विजय शिवहरे, पूर्व विधायक केशो मेहरा, लोकतंत्र सेनानी संजय गोयल व विपुल बंसल।

मेट्रो के दूसरे चरण का काम तीन साल के लिए लटका

एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो ट्रैक की मांग को लेकर प्रतिनिधमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एमजी रोड पर भूमिगत ट्रैक पर 1400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसे लेकर केंद्र सरकार के साथ बैठक की जाएगी। मेट्रो के दसरे चरण का काम तीन साल बाद शुरू होगा। प्रतिनिधिमंडल में आगरा के विधायकगण डॉ. जीएस धर्मेश, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, डॉ. धर्मपाल सिंह, विजय शिवहरे, पूर्व विधायक केशो मेहरा, लोकतंत्र सेनानी संजय गोयल व विपुल बंसल शामिल थे।

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आगरा मेट्रो के बारे में

आगरा मेट्रो उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में निर्माणाधीन 2 लाइनों और 28 स्टेशनों के साथ 29.40 किलोमीटर का शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है।

आगरा मेट्रो चरण 1 परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) राइट्स द्वारा तैयार की गई थी और 30 जून, 2016 को मंजूरी के लिए यूपी राज्य सरकार को सौंपी गई थी। 2017 में, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसीएल) को सभी हितधारकों को एक साथ लाने और परियोजना शुरू करने के लिए ‘समन्वयक’ के रूप में नियुक्त किया गया था।

परियोजना को फरवरी 2019 में केंद्र सरकार की कैबिनेट की मंजूरी मिली, और जुलाई 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 11 शर्तों की सूची के साथ निर्माण के लिए मंजूरी दे दी।

चरण 1 के पहले 4 किमी खंड (ताज ईस्ट गेट – ताज महल रैंप) पर निर्माण कार्य 7 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा दूरस्थ रूप से उद्घाटन के साथ शुरू हुआ। इसके प्रायोरिटी कॉरिडोर में जामा मस्जिद और ताज ईस्ट गेट के बीच 6 स्टेशनों (3 भूमिगत और 3 एलिवेटेड) के साथ 7 किमी का खंड शामिल है।

आगरा मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर मार्च 2024 की समयसीमा के बाद जून 2024 में पूरा होने और खुलने की उम्मीद है। चरण 1 के 2026 में पूरा होने की उम्मीद है।

परियोजना को आंशिक रूप से भारत सरकार और भारत सरकार से वित्त पोषित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश को समान इक्विटी के आधार पर और यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) से 4860 करोड़ रुपये का ऋण दिसम्बर 2021 में स्वीकृत हुआ।

सिस्टम विशिष्टताएँ

  • शीर्ष गति: 80 किमी प्रति घंटा
  • औसत गति: 34 किमी प्रति घंटा
  • ट्रैक गेज: मानक गेज – 1435 मिमी
  • विद्युतीकरण: 750V डीसी तीसरी रेल
  • सिग्नलिंग: संचार-आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी)

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मुख्य आंकड़े

निर्माणाधीन: 11.9  किमी | स्वीकृत: 17.5 किमी

  • अनुमानित लागत:8,379.62 करोड़ (लाइन-1)
  • अनुमानित सवारियां: 7.36 लाख/दिन (2031)
  • अनुमानित कोच: 87

आगरा मेट्रो चरण 1 मार्ग की जानकारी

लाइन-1 : सिकंदरा-ताज ईस्ट गेट

  • लंबाई: 14.25 किमी
  • प्रकार: ऊंचाई पर (569 किमी) और भूमिगत (7.681 किमी)
  • डिपो: पीएसी डिपो (16.3 हेक्टेयर)
  • स्टेशनों की संख्या: 14
  • स्टेशन के नाम: सिकंदरा, गुरु का ताल, आईएसबीटी, शास्त्री नगर (भविष्य), आरबीएस कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जॉन्स (आगरा विश्वविद्यालय), मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा किला, ताज महल (पुरानी मंडी), फतेहाबाद रोड, बसई और ताज ईस्ट गेट

लाइन-2 : आगरा कैंट –कालिंदी विहार

  • लंबाई: 15.40 किमी
  • प्रकार: ऊंचा
  • डिपो: कालिंदी विहार डिपो (9 हेक्टेयर)
  • स्टेशनों की संख्या: 15
  • स्टेशन के नाम: आगरा कैंट, सुल्तानपुरा, सदर बाजार, प्रतापपुरा (भविष्य), कलक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जॉन्स (आगरा यूनिवर्सिटी), हरीपर्वत चौराहा, संजय प्लेस, एमजी रोड, सुल्तानगंज क्रॉसिंग, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समिति (आगरा मंडी) और कालिंदी विहार

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