मैरिटल रेप को अपराध घोषित किए जाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच के बंटे हुए फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
ये याचिका खुशबू सैफ़ी ने दायर की है. सैफ़ी पहली याचिकाकर्ता हैं जिन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
सैफ़ी ने जस्टिस राजीव शकधर के फ़ैसले का समर्थन किया है और जस्टिस सी हरि शंकर के निर्णय को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है.
जस्टिस राजीव शकधर की अगुवाई वाली दिल्ली हाई कोर्ट के दो जजों वाली बेंच ने मैरिटल रेप के मामले में अलग-अलग फैसला सुनाया था.
इस मामले में जस्टिस राजीव शकधर का कहना था कि पत्नी की सहमति से ज़बरदस्ती संबंध बनाना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है और इसलिए इसे रद्द किया जाता है.
वहीं जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि वो इस मामले में जस्टिस शकधर के फ़ैसले से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 375 का अपवाद 2 संविधान का उल्लंघन नहीं करता.
-एजेंसियां
- योगी सरकार ने महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने पर दी बड़ी छूट, कैबिनेट बैठक में 37 अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी - July 22, 2025
- Agra News: “मन की उड़ान फाउंडेशन” के तत्वावधान में 8वां ‘बाज़ार लाइफस्टाइल एंड एग्ज़ीबिशन’ 31 जुलाई को आगरा में - July 22, 2025
- Agra News: धर्मांतरण पर पंजाबी समाज का प्रचंड आक्रोश, प्रशासन को सराहा – अब 27 जुलाई को होगी निर्णायक बैठक - July 22, 2025