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भारत का भविष्य MSME, डिजिटल मार्केटिंग सीख पूरे भारत में व्यापार करो, कुलपति प्रो. आशु रानी और अनुजा बापट ने दी खास जानकारी

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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस स्थित जेपी सभागार में गुरुवार को एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय डिजिटल मार्केटिंग ऑफ एमएसएमईज प्रोडक्ट एंड सर्विसेज था। इसे एमएसएमई विकास कार्यालय ने आयोजित किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने सहयोग किया। तकनीकी सत्रों में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से एमएसएमई डिजिटल उत्पाद एवं सेवाओं का सरकारी क्षेत्र में विपणन,  ई-कामर्स एवं डिजिटल विपणन, ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से व्यवसाय विकास, डिजिटल मार्केटिंग और फंड लेनदेन के दौरान साइबर अपराध पर जागरूकता, केन्द्र एवं राज्य सरकारों की एमएसएमई उत्पाद एवं सेवाओं के विपणन में सहायक योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम अध्यक्ष विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से एमएसएमई और बैंकर्स के साथ संयुक्त रूप से सेमिनार कराने से विश्वविद्यालय के उद्यमी छात्रों को लाभ मिलेगा। वह भी इस प्रकार की सेमिनार से सीख लेकर आगे उद्यम क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से विश्वविद्यालय अपने संसाधन की खरीद करता है, जिसमें विद्यार्थियों की कॉपियां, सेमिनार का फर्नीचर या कच्चा क्लास रूम का फर्नीचर भी सम्मिलित है।

प्रोफेसर आशु रानी ने कहा कि भविष्य की चिंता है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी एमएसएमई की लाभकारी योजना से वंचित न रहें, इसलिए एमएसएमई वर्कशॉप, जागरूकता कार्यक्रम, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, प्रबंधन विकास कार्यक्रम होते रहने चाहिए। आज के युग में जरूर नहीं कि आप खुद के पास प्रोडक्ट हो तभी बिजनेस करें, यदि आपके पास डिजिटल मार्केटिंग जैसे टूल्स की जानकारी है, तो भी अपने प्रयोजन से अपनी मार्केटिंग से अधिक लाभ ले सकते हैं।

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सेमिनार को संबोधित करतीं कुलपति प्रोफेसर आशु रानी।

मुख्य अतिथि उप महानिदेशक एमएसएमई मंत्रालय अनुजा बापट ने बताया कि सरकार प्रोक्योरमेंट एवं मार्केटिंग योजना के अंतर्गत नेशनल सेमिनार मार्केटिंग विषय पर करती है। इसके साथ-साथ औद्योगिक प्रदर्शनी में भाग लेने हेतु बारकोड, की प्रोडक्ट की सेल प्वाइंट बनाने आदि के लिए प्रोत्साहन करती है। एमएसएमई मंत्रालय के माध्यम से उद्यमी पोर्टल के माध्यम से बहुत ही सरल रूप से अपना पंजीकरण घर बैठे कर सकते हैं। भारत में 3 करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएससी इकाई हैं जिसमें 13 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। एमएसएमई क्षेत्र भारत की रफ्तार को आर्थिक रफ्तार को तेज करता है। सरकार का संकल्प डिजिटल इंडिया को बढ़ाना है, आज के समय छोटे से छोटा वेंडर यूपीआई माध्यम से पेमेंट मॉड प्राप्त कर रहा है। छोटे-छोटे रेस्टोरेंट भी ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से अपना कारोबार में प्रगति कर रहे हैं।

अनुजा बापट ने विश्वविद्यालय और एमएसएमई को वैल्यू एडेड प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव दिया, जिससे उद्यम क्षेत्र में प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों और वर्तमान उद्योगों को सक्षम बनाया जाएगा।

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सेमिनार में उपस्थित लोग।

डॉ. आर भारती संयुक्त निदेशक एमएसएमई विकास कार्यालय आगरा ने बताया कि आज डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से व्यक्ति अपने एक स्थान से पूरे भारत भर में व्यापार कर सकता है। डिजिटल माध्यम से तकनीकी का प्रयोग करके व्यक्ति अपने व्यापार को ऊंचाई पर पहुंचता सकता है।

लघु उद्योग भारती आगरा के विजय गुप्ता ने बताया देश का विकास व्यापार एवं उद्योग से होता हैष। जिस व्यापारी को अपनी वस्तु को ठीक से बेचना आता है, वही अच्छी प्रगति करता है। डिजिटल माध्यम से कन्वेंशनल मार्केटिंग के लिए तैयार होना होगा।

पंजाब नेशनल बैंक के उप जोनल प्रबंधक एसएन गुप्ता ने बताया कि उद्यमी अपनी सिविल अच्छी रखें, अकाउंट्स अच्छे तरह मेंटेन करें, तो बैंक उसे अच्छी सीसी लिमिट देते हैं। पंजाब नेशनल बैंक के एमएसएमई स्कीम्स के द्वारा व्यापार क्षेत्र में अच्छी प्रगति पाई जा सकती है। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की ओर से एमएसएमई क्षेत्र के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकरी दी।

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कुलपति प्रो. आशु रानी और मंचस्थ अतिथि।

बैंक ऑफ़ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदर सिंह ने बैंक की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। ऑनलाइन मोड के माध्यम से व्यापारी यूपीआई डिजिटल माध्यम के ऑनलाइन मार्केटिंग के भुगतान प्राप्त करने के साथ भेज भी सकता है।

विजय तोमर साइबर क्राइम विश्लेषक,  साइबर क्राइम सेल आगरा पुलिस ने डिजिटल दुनिया में साइबर क्राइम से कैसे बचा जाए, उसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपने व्हाट्सएप, ईमेल, बैंक अकाउंट्स इत्यादि में डबल सिक्योरिटी रखना है। निजी जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं करें। किसी अजनबी के साथ शेयर नहीं करें। फर्जी ईमेल और फर्जी वेबसाइट की पहचान कैसे की जाए उसकी भी जानकारी दी। इस सत्र का संचालन डा. रत्न पांडे व अध्यक्षता डा. सीमा सिंह ने की।

उद्घाटन सत्र संचालन डॉ. मुकेश कुमार शर्मा सहायक निदेशक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बृजेश रावत निदेशक सेठ पदमचंद जैन प्रबंधन संस्थान ने किया। राजीव शर्मा, डॉ. श्वेता चौधरी, डॉ. रत्न पांडे, डॉ. सीमा सिंह. डॉ. श्वेता चौधरी. डॉ. केके पचौरी, डॉ. राजकुमार, डॉ. डीएस यादव मौजूद रहे।

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