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पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह को भ्रातृ शोक, आज धांधूपुरा में होगा अंतिम संस्कार

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Agra, Uttar Pradesh, India. भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के बडे भाई नेत्रपाल सिंह (निवासी धांधूपूुरा, ताजगंज, आगरा) का आज 8 सितम्बर, 2022 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। उन्होंने अपने पूछे भरा पूरा 150 लोगों का परिवार छोड़ा है। नेत्रपाल सिंह सेंट जॉन्स इंटर कॉलेज स अध्यापक पद से रिटायर हुए थे। वे प्रदेश स्तर के खिलाड़ी थे। नेत्रपाल सिंह के निधन से धांधूपुरा और आसपास के गांवों में गहन शोक है। हर कोई उनकी भलमनसाहत की चर्चा कर रहा है।

 

चौधरी उदयभान सिंह ने फोन पर रोते हुए यह सूचना दी। उन्होंने कहा कि आज मेरा एक हाथ टूट गया। मेरेअग्रज नेत्रपाल सिंह ने कभी भी मेरे राजनीतिक जीवन पर लांछन नहीं लगने दिया। मेरे नाम का कोई अनुचित लाभ नहीं लिया। उनके जैसा बड़ा भाई पूर्व जन्मों के पुण्य से मिलता है। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 10 बजे धाांधूपुरा में पिता जी की समाधि के निकट  होगा।

 

चौ.उदयभान सिंह ने बताया कि मेरे बड़े भाई नेत्रपाल सिंह सही अर्थों में भाजपा के सच्चे सेनानी थे्। पार्षद, विधायक, सांसद, मेयर का चुनाव हो या कुछ और,  धांधूपुरा बूथ पर भाजपा सदैव विजयी हुई। वे एक सैनिक की तरह मोेर्चा  संभालते थे। सैनिक युद्ध भमि पर आता है और युद्ध समाप्त होने के बाद फिर बैरक में वापस चला जाता है। इसी तरह से श्री नेत्रपाल सिंह चुनाव  समाप्त होने पर अपने काम में लग जाते थे। वे  कभी भी किसी नेता के घर पर किसी काम के लिए नहीं गए।

 

बता दें कि चौधरी उदयभान सिंह के पुरखे कई सौ साल पूर्व आंगई (बल्देव, मथुरा) से आए।  इससे पहले राजस्थान के सीकर से निकास हुआ। फिर फतेहपुर सीकरी में साम्राज्य स्थापित किया। फिर आंगई में जागीर स्थापित की। कई पुरखों ने जैन धर्म अपनाया। वहांं से धांधूपूरा आए। इस समय चाचा ताऊ के आठ भाई हैं। गांव का कोई व्यक्ति यह नहीं कर सकता है कि चौधरी परिवार में रारी या मक्कारी है। गांव में चौधरी परिवार को बनिया कहा जाता है क्योंकि ये किसी से् झगड़ा नहीं करते हैं। इसी कारण परिवार ने आशातीत प्रगति की।

 

चौ. उदयभान सिंह के पारिवारिक बाबा बाबू प्यारेलाल ने हिन्दुस्तान का पहला चुनाव जनसंघ से लड़ा। तब से लेकर आज तक चौधरी उदयभान सिंह के परिवार ने न पार्टी छोड़ी और न ही  बदली।  राजनीतिक हित साधने की खातिर पार्टी को कभी धोखा नहीं दिया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में धांधूपुरा  बूथ पर भाजपा कभी नहीं हारी, जो सबसे बड़ी बात है।

Dr. Bhanu Pratap Singh