6.5 तीव्रता का भूकंप भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा अयोध्‍या के राम मंदिर का, खास है निर्माण की तकनीक

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों-शोरों पर है। 22 जनवरी के दिन भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। मंदिर के निर्माण पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं। हर कोई एक बार राम भगवान को पास से देखना चाहता है। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम खत्म होते ही आम आदमी अगले दिन से मंदिर के दर्शन कर सकता है।

अगर बात करें निर्माण कार्य की, तो क्या आप जानते हैं मंदिर को 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप के साथ बनाया गया है? मतलब ये इमारत भकूंप के इतने झटके को भी झेल सकती है। मंदिर 1000 हजार साल तक भी टिका रह सकता है, वो भी ज्यों का त्यों। आप भी चौंक गए होंगे, लेकिन ये सच है।

मंदिर निर्माण में क्या खास किया गया है?

मंदिर के पिलर की मोटाई बढ़ाई गई है और दीवारों पर भारी पत्थर भी लगाए है। मंदिर की नींव को भारी पत्थरों से मजबूत बनाया गया है। मंदिर को ऊपर से नीचे एक ऐसी मजबूती दी गई है, जिससे ये भूकंप के झटकों को भी झेल सके। इससे मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

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इन शहरों से लाए गए हैं पत्थर

मंदिर में पूरे 17 हजार ग्रेनाइट स्टोन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें से हर एक का वजन 2 टन है। प्लिंथ बनाने के लिए मिर्जापुर से 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर लाए गए हैं। इसके अलावा राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से लाए गए एक लाख क्यूबिक फीट संगमरमर का भी इस्तेमाल किया गया है। कला को उभारने के लिए यहां केरल और राजस्थान के कलाकर 4500 मूर्तियां बना रहे हैं। मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि यहां आने वाला व्यक्ति खुद को त्रेतायुग में पाएगा।

इस दिन से आम लोग कर सकेंगे दर्शन 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के अनुसार भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यानी 23 जनवरी से ना केवल देश से बल्कि विदेशों से भी लोग अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन के लिए सुबह का समय 7 बजे से 11 बजकर 30 मिनट रखा गया है। प्रथम बेला के दर्शन के बाद दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन का समय तय हुआ है। इस समय आप बिना किसी रोक टोक के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि समय में बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh