लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में इलाज के नाम पर पहले भी कई बार डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिली है, लेकिन इस बार तो डॉक्टरों ने हद ही पार कर दी है। बता दें कि सत्ताधारी दल बीजेपी के एमएलसी नरेंद्र भाटी सीने और पेट में दर्द के कारण लोहिया संस्थान में अपना इलाज कराने के लिए पहुंचे थे। डॉक्टर को अपना परिचय देने के बाद भी एमएलसी नरेंद्र भाटी को कहा गया कि पहले अपना पर्चा बनवाकर आइए, इसके बाद आपका इलाज किया जाएगा। डॉक्टरों का व्यवहार देख नरेंद्र भाटी वहां से बिना कुछ बोले चले गए और एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया।
बता दें कि बीजेपी एमएलसी नरेंद्र भाटी बीते बुधवार की रात करीब 11:00 बजे लोहिया संस्थान पहुंचे थे। उनको सीने और पेट में दर्द की शिकायत थी। जब वह लोहिया संस्थान के इमरजेंसी में पहुंचे तो वहां बैठे एक डॉक्टर को अपना परिचय दिया और कहा कि कोई वरिष्ठ चिकित्सक हो तो बुला दीजिए। इस पर डॉक्टर ने कहा कि क्या हम आपको नजर नहीं आ रहे हैं? जाइए पहले पर्चा बनवा कर लाइए।
MLC का पर्चा बनाने से डॉक्टर ने किया मना
एमएलसी नरेंद्र भाटी डॉक्टर की बात सुनकर थोड़ा आश्चर्यचकित हुए, लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं एमएलसी हूं। आप किसी कर्मचारी को भेजकर पर्चा बनवा दीजिए। इस पर डॉक्टर ने मना कर दिया और कहा कि आप खुद पर्चा बनवा कर आइए। डॉक्टर के व्यवहार से परेशान होकर एमएलसी नरेंद्र भाटी लोहिया संस्थान से लौट गए और अपना इलाज किसी प्राइवेट अस्पताल में कराया।
MLC नरेंद्र भाटी ने सदन में उठाया मामला
एमएलसी नरेंद्र भाटी ने यह पूरा मामला सदन में उठाया। इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान पता चला कि जब नरेंद्र भाटी लोहिया संस्थान पहुंचे थे, तब इमरजेंसी में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर राहुल और डॉक्टर तारिक मौजूद थे। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि दोनों डॉक्टरों को तलब किया और सीसीटीवी फुटेज चेक किया गया। फुटेज में दिखाई दे रहा है कि डॉक्टर तारिक एमएलएसी से बातचीत कर रहे हैं। इसी आधार पर डॉक्टर तारिक को बर्खास्त कर दिया गया और डॉक्टर राहुल को नोटिस जारी किया गया है।
सभी अस्पतालों में माननीयों के लिए अस्पतालों में बनेगी अलग डेस्क: ब्रजेश पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सदन में आश्वासन दिया कि सभी अस्पतालों में माननीयों के लिए एक अलग से डेस्क बनेगी। इस तरह की जो परेशानी आ रही है, विधानमंडल सदस्य सीधे उन्हें भी फोन कर सकते हैं। साथ ही सदन में भी चिकित्सक को बुला सकते हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा कि डॉक्टर को नोटिस दिया गया है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का प्रमुखता से इलाज कराया जाए। अभद्रता की शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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