बरेली। लॉक डाउन के कारण बंद पड़ी मस्जिदों और दरगाहों को 8 जून से खोलने का फैसला सरकार ने लिया है। मुल्क ए हिंदुस्तान समेत दुनिया भर के कई मुल्क अभी भी कोरोना वायरस जैसी बीमारी की चपेट में है।अभी खतरा टला नही है । देश मे सभी धार्मिक स्थल खोले जा रहे है ऐसे में सभी को और ज़्यादा एहतियात (सावधानी) बरतने की ज़रूरत है। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने मुल्क भर की सभी दरगाहों, खानकाहों व मस्जिदों के ज़िम्मेदारो के अलावा सभी लोगो से कुछ गाइड लाइन पर अमल करने की अपील की है।
मस्जिदों में सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ अदा करें
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने सज्जादानशीन की अपील की जानकारी देते हुए बताया कि दरगाहों और मस्जिदों में बेवजह न रुके। फातिहा व गुलपोशी के वक़्त सोशल डिस्टनसिंग का पूरी तरह पालन करे। मस्जिदों में सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ अदा करें बाकी सुन्नत और नफिल नमाज़ घरो पर अदा करे। घर से ही वुज़ू करके जाए। नमाज़ के वक़्त ही मस्जिदों में पहुँचे। मस्जिदों में भीड़ की शक्ल में न दाखिल हो और निकलते वक्त भी इसका ख्याल रखे।
इन बातों का रखें ध्यान
खानकाहों, दरगाहों और मस्जिदों में अगर वुज़ू करें तो अपना गमछा या रुमाल का इस्तेमाल करें। मस्जिदों की तौलिया का इस्तेमाल न करे। घरो से निकलते वक्त मास्क या गमछे का इस्तेमाल करे। टोपी घर से लेकर जाए। रोज़ाना ग़ुस्ल (स्नान) करे , कपड़े साफ-सुथरे पहने और रोज़ाना तब्दील (बदले)। कोरोना बीमारी तक मस्जिद के इस्तिजा खाना (पेशाब घर) का इस्तेमाल न करे तो बेहतर है।
गाइड लाइन का करें पालन
मस्जिदों व खानकाहों के ज़िम्मेदारों से कहा कि जब तक कोरोना बीमारी है तब तक रोज़ साफ सफाई व धुलाई करायी जाए। वुज़ू खानो और इस्तिनजा खानों में बिलीचिंग पावडर और फिनायल का छिड़काव किया जाए । दरगाहों व मस्जिदों के आस पास भीड़ बिल्कुल न लगने दे । किसी अंजान शख्स (व्यक्ति) को बिल्कुल न ठहरने दे । हाजी जावेद खान ने कहा कि शासन व पुलिस प्रशासन की जो गाइड लाइन का सभी लोग पालन करे।
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